नयी दिल्ली, 09 मई, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उत्तराखंड के बजट और संबंधित विनियोग विधेयक को पारित करने को संवैधानिक जरूरत बताते हुए आज कहा कि मंगलवार को राज्य विधानसभा में होने वाले शक्तिपरीक्षण का चाहे जो नतीजा हो, इस विधेयक को पारित करना अनिवार्य है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में उत्तराखंड के बजट और अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में 18 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष के गलत फैसले के कारण संवैधानिक मशीनरी ध्वस्त हो गयी थी जिसके कारण वहां के लिए बजट तथा अनुदान मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक पारित कराने की जरूरत पड़ी है।
उस दिन विधानसभा में विनियोग विधेयक पारित कराने के दौरान अध्यक्ष ने मतविभाजन की मांग स्वीकार नहीं की जबकि बहुमत में सदस्य विधेयक के विरोध में थे। इससे राज्य में संवैधानिक मशीनरी ध्वस्त हो गई और केन्द्र सरकार को इसके कारण राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा। राज्य का खर्च चलाने के लिए विनियोग(लेखानुदान) अध्यादेश जारी करने काे उचित ठहराते उन्होंने कहा कि नये वित्त वर्ष में एक अप्रैल से राज्य का खर्च चलाने के लिए यह अध्यादेश जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से राज्य आर्थिक संकट में फंस जाता और यदि केंद्र की तरफ से पहल नहीं की जाती तो 72 घंटे बाद संवैधानिक संकट खडा हो जाता। इसी के मद्देनजर केन्द्र को विनियोग अध्यादेश जारी करना पड़ा। यह विधेयक उसी अध्यादेश का स्थान लेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें