वाशिंगटन 14 मई, हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य क्षमता से चिंतित अमेरिका ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की बात की है । हालांकि अमेरिका का कहना है कि वह चीन की वजह से भारत के साथ अपने संबंध सुदृढ़ नहीं कर रहा है बल्कि भारत खुद ही एक ताकतवर देश है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कल अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन 2016’कांग्रेस के समक्ष पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंद महासागर के तटवर्ती देशों से किसी भी प्रकार की खुफिया जानकारी और साजोसामान की आपूर्ति में मिले सहयोग के बिना भी चीन सामुद्रिक शक्ति बढ़ा रहा है।
वह अपने मिसाइलों की मारक क्षमता भी बढ़ा रहा है। चीन की नौसेना ने वैश्विक स्तर पर अपने महत्व को साबित करने के लिए दक्षिण चीन सागर से अपनी ताकत को आगे बढाते हुए उसका दायरा हिंद महासागर तक कर दिया है। एंटी शिप क्रूज मिसाइल की क्षमता बढ़ाने के साथ ही चीन अपने लुयांग 3 श्रेणी के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक को लैंड अटैक क्रूज मिसाइल से लैस कर सकता है। ऐसा करने पर चीन की सेना दुनिया की पहली ऐसी नौसेना हो जाएगी जो समुद्र से जमीन पर हमला कर पायेगी। पूर्वी एशिया के उप सहायक सचिव अब्राहम एम डेनमार्क ने रिपोर्ट पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि चीन की नौसेना ने अपनी महत्वाकांक्षा का खुलासा गत नवंबर में ही कर दिया था जब उसने जिबूती में अपना सैन्य अड्डा स्थापित करने की घोषणा की थी। इससे पहले चीन ने किसी अन्य देश में अपना सैन्य अड्डा स्थापित नहीं किया था।

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