नयी दिल्ली 07 मई, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बाद आज उनकी जन्मतिथि पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें अपनी चुप्पी तोड़कर दोनों मामलों में सच्चाई देश के सामने रखनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री तथा जन्म तिथि को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उनका सच क्या है, यह देश के सामने आना चाहिए। श्री मोदी की जन्मतिथि और उनकी डिग्री को लेकर संदेह का माहौल बना हुआ है तथा इसे दूर किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को इस मामले में चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री मोदी की जन्मतिथि को लेकर भी संदेह है। इस बारे में जो दस्तावेज मिले हैं उसमें उनकी जन्म के बारे में तीन अलग-अलग तिथियां बतायी गयी है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट में श्री मोदी की जन्मतिथि 17 सितंबर 1950 बतायी गयी है लेकिन गुजरात के पाटन जिले के बी.एन.हाई स्कूल वाडनगर ने उन्हें जो प्रमाण पत्र दिया है उसमें उनकी जन्मतिथि 29 अगस्त 1949 बतायी गयी है और एम एन कोलेज विजनगर मेहसाणा महाविद्यालय में भी उनकी जन्मतिथि यही बतायी गयी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि डिग्री की पढाई के लिए यह छात्र जब दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेता है तो सात जुलाई 1975 को प्रवेश के लिए भरे गए फॉर्म में जन्मतिथि एक अक्टूबर 1958 लिखी जाती है और उसका नाम बदलकर अब नरेन्द्र मोदी हो जाता है। इस सूचना के हिसाब से जो व्यक्ति 1975 में डिग्री के लिए प्रवेश लेगा उसे 1978 में स्नातक की डिग्री मिलनी चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय की सूचना के अनुसार श्री नरेन्द्र मोदी के अलावा किसी और व्यक्ति ने कथित तौर पर उस समय दाखिले के लिए आवेदन ही नहीं किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री और जन्मतिथि के बारे में देश के लोगों को जानने का हक़ है कि प्रधानमंत्री की सही जन्मतिथि क्या है। यदि वह स्नातक हैं तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने कब और कहां से यह डिग्री हासिल की है। श्री तिवारी ने बताया कि प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर सवाल इसलिए उठा रहे है क्याेंकि 2001 से लेकर अब तक इस बारे में सूचना के अधिकार के तहत 70 आवेदन किए गए हैं और प्रत्येक आवेदन में एक ही जवाब मिला कि यह व्यक्तिगत सूचना है जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

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