उत्तराखंड : शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं हो सकेंगे बागी विधायक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


मंगलवार, 10 मई 2016

उत्तराखंड : शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं हो सकेंगे बागी विधायक

dissident-mlas-would-not-take-past-in-floor-test
नयी दिल्ली 09 मई, उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड विधानसभा में कल होने वाले शक्ति परीक्षण में हिस्सा लेने की अनुमति संबंधी कांग्रेस के नौ बागी विधायकों का अनुरोध आज ठुकरा दिया। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने बागी विधायकों एवं विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के वकीलों का पक्ष सुनने के बाद इस मामले में नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले में कोई अंतरिम हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया। बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुन्दरम ने दलील दी कि उनके मुवक्किल केवल निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ थे और इसका कतई मतलब नहीं लगाया जाना चाहिए कि वे पार्टी के खिलाफ थे। उन्होंने दलील दी कि कम से कम इन विधायकों को मतदान में शामिल कराकर उनके मतों को सीलबंद लिफाफे में रख दिया जाए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और एक अन्य प्रतिवादी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका पुरजोर विरोध किया। 

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। इसके बाद न्यायालय ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के फैसले में फिलहाल हस्तक्षेप नहीं करेगा। हालांकि शीर्ष अदालत ने उन विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध उनकी विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

कोई टिप्पणी नहीं: