नयी दिल्ली 03 मई, नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित ‘बचपन बचाओ आंदोलन’के प्रणेता कैलाश सत्यार्थी ने देश में सूखे की भीषण स्थिति पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 16 करोड़ 30 लाख बच्चों पर इसके प्रभाव का आकलन कराने और सूखे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। श्री सत्यार्थी ने ‘सूखा संकट और बच्चे’ विषय पर आज यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उन्होंने इस संबंध में आज प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे काॅरपोरेट सोशल मद में रखी राशि को सूखा राहत इलाकों में बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्काल प्रभाव से खर्च कराए जाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि सूखे की वजह से बच्चों को बाल विवाह, बाल मजदूरी, बच्चों की तस्करी और देवदासी प्रथा में धकेले जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो चिंतनीय हैं।
श्री सत्यार्थी ने पत्र में कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन का प्रमुख होने के नाते उन्हें सूखे के संकट में फंसे बच्चों के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते तत्काल राहत और पुनर्वास कराने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी बच्चा बाल मजदूरी, बच्चों की तस्करी और बाल विवाह का शिकार होने और स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर नहीं हो। उन्होंने कहा कि देश के 10 राज्य सूखे से प्रभावित हैं और आगामी महीनों में इस संकट के और गहराने की आशंका है। इसके मद्देनजर केन्द्र सरकार को सूखे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें