नयी दिल्ली, 10 मई, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को आज सलाह दी कि वह दिल्ली सरकार से विरोध की अपनी राजनीति छोड़कर राजधानीवासियों के मानवधिकार के बारे में सोचे। न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह इस बात पर गम्भीरता पर विचार करे कि दिल्ली में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन कैसे हो। शीर्ष अदालत ने यह भी आगाह किया कि यदि केंद्र यह कदम नहीं उठाता है तो वह खुद आदेश पारित करने पर मजबूर हो जाएगा। इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान एटॉर्नी जनरल ने दलील दी कि राजधानी में मानवधिकार आयोग का गठन नहीं हो सकता क्योंकि यह राज्य नहीं, बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है। इस पर न्यायालय ने कहा कि दिल्ली के पास अपना उच्च न्यायालय और महिला आयोग है। इसका मतलब है कि दिल्ली को विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसे में दिल्ली में मानवधिकार आयोग हो सकता है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
मंगलवार, 10 मई 2016
उच्चतम न्यायालय की नसीहत, विरोध की राजनीति छोड़े केंद्र
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