रांची, 01 मई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि श्रमिकों को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है और सरकार असंगठित मजदूरों की आवाज बनेगी। मुख्यमंत्री ने आज यहां अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर प्रोजेक्ट भवन स्थित नया सभागार में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सरकार राज्य के नौजवानों और असंगठित मजदूरों की बेहतरी के लिए काम कर रही है और ऐसे मजदूरों को प्रशिक्षण देकर सरकार उनका कौशल विकास करेगी ताकि उनकी आर्थिक समृृद्धि हो और वे बदलते वक्त के साथ कदम से कदम मिला कर चल सकें। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के प्रति उनके मन में काफी श्रद्धा है। उनका करियर भी श्रमिक के तौर पर ही शुरू हुआ था। श्रमिकों की परेशानी तथा जरूरत से वह वाकिफ हैं। श्री दास ने कहा कि झारखंड ने श्रम कानूनों में काफी सुधार किये हैं। यही कारण है कि झारखंड को श्रम कानूनों के सरलीकरण में देश में पहला स्थान मिला है। इसका लाभ श्रमिकों को ही मिलेगा। श्रम जीवन को गतिमान बनाये रखने का मुख्य आधार है। हमें जो प्रकृति से प्राप्त नहीं होता, उन बुनियादी सुविधाओं को श्रमिक श्रम से देने का प्रयास करता है। ऐसे लोगों का ध्यान रखना हम सभी का फर्ज होना चाहिए। उन्होंनेे कहा कि किसी भी उद्योग की बढोत्तरी में श्रमिकों का बड़ा योगदान होता है। श्रम भी पूंजी है। इसका अपना महत्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को कुशलता प्रदान करने के लिए श्रम विभाग जल्द बंद पड़े आईटीआई भवनों को पुनः चालू करेगी ताकि युवाओं को रोजगार मिले और वे हुनरमंद बनें। अगर इनके पास हुनर होगा तो रोजगार और स्वरोगार से वे खुद को स्वतः जोड़ लेंगे और आत्मनिर्भर बन सकेंगे। राज्य सरकार श्रमिकों के लिए नयी-नयी योजनाएं चलायी हैं। इसमें उन्हें अपने कार्यस्थल तक जाने के लिए साइकिल, काम के दौरान बचाव के लिए जूते और हेलमेट, सुरक्षा किट, औजार आदि का वितरण किया जा रहा है। उनके बीमा और पेंशन की भी व्यवस्था की जा रही है। महिलाओं को प्रशिक्षण देकर सिलाई मशीन बांटी जा रही है। उन्होंने कहा कि श्रम कानून में बदलाव किया गया है। अगर राज्य सरकार निवेशकों को बेहतर मंच नहीं देगी तो निवेशक अन्य राज्य में निवेश करेंगे जिससे यहां के मजदूरों को लाभ नहीं होगा और पलायन की समस्या नहीं रूकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदत सुविधाएं श्रमिकों तक पहुंच रहीं हैं, या नहीं इसका ध्यान विभाग रखे। अधिकारियों को निर्देष देते हुए उन्होंने कहा कि खेतिहर मजदूरों का अधिकारी ख्याल रखें और उन्हें योजनाओं का लाभ दें ताकि उनका उत्साहवर्द्धन हो सके। श्रम मंत्री राज पलिवार ने कहा कि श्रमिकों के विकास के लिए विभाग प्रयासरत है। मजदूरों के हित में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है। श्रमिकों की समस्याओं का समाधान सरकार 24 घंटे के अंदर सरल और सार्थक तरीके से करेगी। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी धरातल पर उतरी या नहीं इसका अवलोकन करना होगा ताकि श्रमिक वर्ग लाभान्वित हो सके। बाल मजदूरी एक बड़ी समस्या है जिसे रोकने के लिए सरकार काम कर रही है। दूसरी ओर महिला मजदूरों को उचित सम्मान मिले इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
राज्य के नगर विकास मंत्री सी पी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सरकार योजनाएं बनाती है लेकिन उसे लागू और नियंत्रित करने की दिशा में काम करना होगा। अगर राज्य का हर व्यक्ति अपनी भागीदारी तय करें तो 2019 तक झारखंड विकसित राज्य की श्रेणी में आ जायेगा। श्रमिकों का उत्थान कैसे हो। इस दिशा में सरकार को काम करना है। यह सरकार और समाज में रहने वाले हर व्यक्ति का दायित्व है। खेतों और शहरों में काम करने वाले श्रमिकों की बेहतरी के लिए काम करना होगा। उन्होंने बताया कि पहले की सरकारें निर्णय नहीं लेती थी, लेकिन वर्तमान सरकार निर्णय लेती है। हर क्षेत्र मेें सरकार काम कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर और समाधान पोर्टल का आॅनलाइन शुभारंभ किया। उन्होंने प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना का शुभारंभ लाभुकों को प्रमाणपत्र देकर किया। साथ ही साइकिल सहायता योजना, सिलाई मशीन सहायता योजना, श्रमिक औजार सहायता योजना, निर्माण श्रमिक सेफ्टी किट योजना की शुरूआत की गई। श्री दास द्वारा जैप आईटी के सीईओ को समाधान पोर्टल के लिए एवं विभिन्न फैक्टरियों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पांच लोगों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर पद्मश्री अशोक भगत, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, श्रम विभाग के प्रधान सचिव सहित बड़ी संख्या गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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