देहरादून 10 मई, उत्तराखंड विधानसभा में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप आज शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई, जिसके बाद कांग्रेस खेमे में खुशी का माहौल है। विधानसभा में हरीश रावत सरकार के पक्ष-विपक्ष में पड़े मतों का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को भेजा जायेगा, जो परिणाम की आधिकारिक घोषणा कल करेगी। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप कांग्रेस के नौ बागी विधायक शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं हुए। शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया प्रधान सचिव जय देव सिंह की निगरानी में पूरी हुई, जिन्हें शीर्ष अदालत ने इसके लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।
विधानसभा में आज मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध था। शक्ति परीक्षण के बाद कांग्रेस खेमे में खुशी का माहौल दिखाई दिया। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार उनके पक्ष में 33 सदस्यों ने वोट दिया। शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद श्री हरीश रावत ने संवाददाताओं से कहा कि कल अनिश्चतता का कुहासा छँट जायेगा और लोकतंत्र की विजय होगी। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के साथ ही ईश्वर और सभी विधायकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। समझा जाता है कि प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा के सभी छह विधायकों के मत कांग्रेस के पक्ष में गये । इनमें तीन निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक उत्तराखंड क्रांतिदल का विधायक शामिल है। कांग्रेस विधायक बृजेश कलप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि अाज के मतदान ने साबित कर दिया कि भारत में लोकतंत्र की गतिशीलता में रत्ती भर संदेह नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को आज के शक्ति परीक्षण में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया था। नैनीताल उच्च न्यायालय ने इन नौ विधायकों को सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को कल सही ठहराया था और उसके बाद उच्चतम न्यायालय ने भी उन्हें कोई राहत नहीं दी थी। यद्यपि उसने इस पर आगे की सुनवाई 12 जुलाई के लिए निर्धारित की थी

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