नयी दिल्ली, 07 मई, अमेरिका के प्रसिद्ध मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) के शोधकर्ताओं ने एक एेसा यंत्र विकसित किया है जिससे जीवाणु (बैक्टीरिया) से होने वाली बीमारियों की तुरंत पहचान की जा सकेगी ताकि उनका समुचित इलाज हो सके। इस यंत्र के इस्तेमाल के लिए अस्पताल के प्रयोगशालाआें में मिलने वाली विशेष सुविधा और विशेषज्ञों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस यंत्र को एमजीएच के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने विकसित किया है जिसके बारे में यहां की एक पत्रिका ‘साइंस एडवांसेज’ में प्रकाशित किया गया है। एमजीएच सेंटर फॉर सिस्टम्स बायोलोजी के डायरेक्टर, हारवर्ड मेडिकल स्कूल (एचएमएस) में थ्राल फैमिली प्रोफेसर ऑफ रेडियोलॉजी तथा सह वरिष्ठ लेखक राल्फ वेसलेडर की ओर से प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य संबंधित संक्रमण एक बड़ी समस्या है जिनसे प्रति वर्ष छह लाख लोग से अधिक लोग प्रभावित होते हैं। इनमें से दस फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो जाती है और इन पर सौ अरब डाॅलर से अधिक का खर्च आता है।
जीवाणु से संक्रमित मरीजों के रोग के इलाज की दिशा में पहला कदम रोग की पहचान करना है। जितनी तेजी से संक्रमण की पहचान हो सकेगी, उतनी जल्दी उचित एंटोबायोटिक देकर उसका इलाज किया जा सकेगा। इस यंत्र की मदद से दो घंटे से भी कम समय में संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा जबकि पारंपरिक रूप से इसका पता लगाने के लिए कई दिनों का समय लगता है तथा इसके लिए विशेष प्रकार मशीन, प्रयोगशाला में प्रशिक्षित व्यक्ति तथा बीमारियों के हिसाब से प्रक्रिया चलती है। एमजीएच की टीम द्वारा विकसित यंत्र के माध्यम से पोलराइजेशन एनिसोट्रोपी डायग्नाॅस्टिक्स (पीएडी) के माध्यम से साधारण तरीके से सटीक जांच हो जाएगी। प्लास्टिक की कार्ट्रिज में रखे गये नमूने से निकाले गये जीवाणु के आरएनए की इस यंत्र के मदद से आसानी से जांच की जा सकेगी और जांच रिपोर्ट संबंधित विभाग के स्मार्टफोन अथवा कंप्यूटर पर दिखेगी। इस यंत्र के माध्यम से जीवाणु की पांच प्रमुख प्रजातियों का पता चल जाता है जिनमें ई कोलाई, क्लेबसेला, एसिंटोबैक्टर, सूडोमोनास तथा स्तफ औरेयस शामिल है। पीएडी की विधि से जांच रिपोर्ट दो घंटे से कम समय में उपलब्ध होगा जबकि जीवाणु कल्चर प्रक्रिया में तीन से पांच दिन लगता है। शोधकर्ताओं ने 35 से अधिक जीवाणुओं से संक्रमित रोगों की जांच के लिए यंत्र तैयार किया है तथा पीएडी जांच के लिए दो डॉलर से अधिक का खर्च नहीं आयेगा।
जीवाणु से संक्रमित मरीजों के रोग के इलाज की दिशा में पहला कदम रोग की पहचान करना है। जितनी तेजी से संक्रमण की पहचान हो सकेगी, उतनी जल्दी उचित एंटोबायोटिक देकर उसका इलाज किया जा सकेगा। इस यंत्र की मदद से दो घंटे से भी कम समय में संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा जबकि पारंपरिक रूप से इसका पता लगाने के लिए कई दिनों का समय लगता है तथा इसके लिए विशेष प्रकार मशीन, प्रयोगशाला में प्रशिक्षित व्यक्ति तथा बीमारियों के हिसाब से प्रक्रिया चलती है। एमजीएच की टीम द्वारा विकसित यंत्र के माध्यम से पोलराइजेशन एनिसोट्रोपी डायग्नाॅस्टिक्स (पीएडी) के माध्यम से साधारण तरीके से सटीक जांच हो जाएगी। प्लास्टिक की कार्ट्रिज में रखे गये नमूने से निकाले गये जीवाणु के आरएनए की इस यंत्र के मदद से आसानी से जांच की जा सकेगी और जांच रिपोर्ट संबंधित विभाग के स्मार्टफोन अथवा कंप्यूटर पर दिखेगी। इस यंत्र के माध्यम से जीवाणु की पांच प्रमुख प्रजातियों का पता चल जाता है जिनमें ई कोलाई, क्लेबसेला, एसिंटोबैक्टर, सूडोमोनास तथा स्तफ औरेयस शामिल है। पीएडी की विधि से जांच रिपोर्ट दो घंटे से कम समय में उपलब्ध होगा जबकि जीवाणु कल्चर प्रक्रिया में तीन से पांच दिन लगता है। शोधकर्ताओं ने 35 से अधिक जीवाणुओं से संक्रमित रोगों की जांच के लिए यंत्र तैयार किया है तथा पीएडी जांच के लिए दो डॉलर से अधिक का खर्च नहीं आयेगा।

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