तमिलनाडु में विपक्ष को दबाने वाली सरकार नहीं चाहिए : राहुल गांधी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 7 मई 2016

तमिलनाडु में विपक्ष को दबाने वाली सरकार नहीं चाहिए : राहुल गांधी

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मदुरै. 07 मई, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि तमिलनाडु को चार दीवारी के भीतर से एक व्यक्ति द्वारा चलाई जाने वाली सरकार की जरूरत नहीं है। श्री गांधी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु को ऐसी सरकार की जरूरत नहीं है जो विपक्ष को दबाती हो। राज्य को ऐसी सरकार भी नहीं चाहिए जिसे चार दीवारी के भीतर से केवल एक व्यक्ति ही चलाता हो और चेन्नई में बाढ से हुई तबाही को बाहर आकर देखने की तकलीफ भी नहीं उठा सकता हूं। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली से तमिलनाडु में आई आपदा को देखने आया और गरीब लोगों की मदद की लेकिन मुख्यमंत्री अपने घर से बाहर नहीं निकल सकती।” उन्होंने कहा कि राजनीति में दो तरह के नेता होते है। एक ऐसा नेता होता है जो लोगों के समुद्र में बहती नदी की तरह होता है जो लोगों को गला लगाता है, लोगों को सुनता है,लोगों से बात करता है और लोगों से समन्वय बनाकर चलता है जबकि दूसरी तरह का नेता एक द्वीप की तरह होता है जिसे लोगों की परवाह नहीं होती। वह लोगों की समस्याओं को नहीं सुनता है। वह लोगों को गले नहीं लगा सकता क्योंकि वह सोचता है कि ज्ञान और समझ केवल उसी के अन्दर है। 

श्री गांधी ने कहा कि तमिलनाडु को भारत का सबसे अधिक सफल राज्य माना जाता था। इसके पीछे कारण वे नेता थे जो लोगों तक अपनी पहुंच रखते थे, जो लोगों को सुनते थे और उनकी इच्छाओं का सम्मान करते थे। पेरियार ईवी रामास्वामी, के. कामराज, एमजीआर और एम. करूणानिधि जैसे नेता राज्य के लोगों तक अपनी पहुंच रखते है। उन्होंने कहा,“मुझे विश्वास है कि द्रमुक नेता एम. के. स्टालिन में ये गुण है जबकि दूसरी तरफ हमारे पास ऐसी मुख्यमंत्री है जो राज्य में भी किसी से मिलना नहीं चाहती। ” श्री गांधी ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा राज्य की थेनी जिले की नौंवी कक्षा की एक छात्रा सथया राज्य की शराब नीति के कारण अनाथ हो गई है। उन्होंने कहा कि इस लडकी के पिता कभी भी शराब नहीं पीते थे लेकिन उनके घर के निकट शराब की दुकान खुलने पर उन्होंने शराब पीनी शुरू कर दी। शराब की लत के कारण इस लडकी के पिता को अपनी जमीन और घर तक बेचना पड़ा और अधिक शराब पीने के कारण उनकी मृत्यु हो गई और इसके कुछ समय बाद उसकी मां की भी मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि आज यहीं तमिलनाडु की सच्चाई है। राज्य में पिछले पांच वर्षों में शराब की दुकानों की संख्या 1800 से बढ़कर 6800 तक पहुंच गई है। 

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