नयी दिल्ली,10 जून, भारत को ओलंपिक इतिहास में अब तक का एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक में भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे और इन खेलों में अपनी स्पर्धा के बाद वह संन्यास ले लेंगे। अपना पांचवां ओलंपिक खेलने जा रहे बिंद्रा को पांच अगस्त को रियो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिये भारतीय दल का ध्वजवाहक चुना गया है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने पुष्टि कर दी है कि 2008 बीजिंग ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता राइफल निशानेबाज बिंद्रा इस बार रियो में भारतीय ध्वजवाहक होंगे।
33 वर्षीय बिंद्रा ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा,“ ओलंपिक खेलों में देश का ध्वजवाहक बनना एक बहुत बड़ा सम्मान है। मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे इस सम्मान के लिये चुना गया है1” बिंद्रा ने साथ ही यह भी पुष्टि कर दी कि वह आठ अगस्त को संन्यास ले लेंगे। रियो ओलंपिक पांच अगस्त से शुरू होने जा रहे हैं जिसके उद्घाटन समारोह में बिंद्रा भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे। बिंद्रा ने कहा,“ मेरा खेल करियर 20 वर्ष तक चला जो आठ अगस्त को समाप्त होगा। मेरे लिये यह समय विशेष रहा है। मुझे विश्वास है कि भारतीय ओलंपिक टीम जब रियो आेलंपिक स्टेडियम में प्रवेश करेगी तो उसके पास 100 करोड़ लोगों को समर्थन होगा। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने भी बिंद्रा को भारतीय दल का ध्वजवाहक चुने जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। बिंद्रा रियो के लिये भारतीय दल के सद्भावना दूत भी हैं।
बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था जो ओलंपिक इतिहास में भारत का अब तक का एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक है। बिंद्रा ने सात राष्ट्रमंडल और तीन एशियाई खेल पदक भी जीते हैं। वह आईएसएसएफ की एथलीट समिति के अध्यक्ष भी हैं। रियो में इस बार भारत का सबसे बड़ा ओलंपिक दल उतरने जा रहा है। 10 जून तक 96 खिलाड़ी रियो के लिये क्वालीफाई कर चुके हैं जो 2012 के लंदन ओलंपिक की 83 की संख्या से 13 ज्यादा हैं। रियो के लिये भारतीय खिलाड़ियों की संख्या 100 के पार जाने की उम्मीद है। पिछले लंदन ओलंपिक में भारतीय ध्वजवाहक के लिये बिंद्रा का नाम स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह ,टेनिस लीजेंड लिएंडर पेस और दिग्गज पहलवान सुशील कुमार के साथ सामने आया था लेकिन आईओए ने लंदन में ध्वजवाहक का सम्मान सुशील को दिया था। बिंद्रा रियो ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद भी माने जा रहे हैं। आईओए ने रियो ओलंपिक के लिये गत मई में बिंद्रा को सद्भावना दूत नियुक्त किया था।
बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था जो ओलंपिक इतिहास में भारत का अब तक का एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक है। बिंद्रा ने सात राष्ट्रमंडल और तीन एशियाई खेल पदक भी जीते हैं। वह आईएसएसएफ की एथलीट समिति के अध्यक्ष भी हैं। रियो में इस बार भारत का सबसे बड़ा ओलंपिक दल उतरने जा रहा है। 10 जून तक 96 खिलाड़ी रियो के लिये क्वालीफाई कर चुके हैं जो 2012 के लंदन ओलंपिक की 83 की संख्या से 13 ज्यादा हैं। रियो के लिये भारतीय खिलाड़ियों की संख्या 100 के पार जाने की उम्मीद है। पिछले लंदन ओलंपिक में भारतीय ध्वजवाहक के लिये बिंद्रा का नाम स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह ,टेनिस लीजेंड लिएंडर पेस और दिग्गज पहलवान सुशील कुमार के साथ सामने आया था लेकिन आईओए ने लंदन में ध्वजवाहक का सम्मान सुशील को दिया था। बिंद्रा रियो ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद भी माने जा रहे हैं। आईओए ने रियो ओलंपिक के लिये गत मई में बिंद्रा को सद्भावना दूत नियुक्त किया था।

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