नयी दिल्ली 10 जून, वायु सेना में लडाकू विमानों के स्कवैड्रनों की कम होती संख्या से निपटने के लिए फ्रांस से राफेल विमानों के सौदे के बाद अब भारत की नजर स्वीडन के लडाकू विमान ग्रिपेन पर है और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने गुरुवार को स्वीडन में खुद इस विमान को परखा। एयर चीफ मार्शल राहा पांच दिन की स्वीडन यात्रा पर हैं । इस दौरान वह दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों से जुडे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। वह गुरुवार को ग्रिपेन विमान बनाने वाली स्वीडन की कंपनी साब के दौरे पर गये और स्वीडन की वायु सेना के पायलट के साथ उन्होंने ग्रिपेन विमान उडाया।
वायु सेना के सूत्रों ने एयर चीफ मार्शल राहा द्वारा ग्रिपेन विमान उडाने की पुष्टि की है। ग्रिपेन पांचवी पीढी का बहुउद्देशीय हल्का लडाकू विमान है । जब भारत ने 126 बहुउद्देशीय लडाकू विमान खरीदने के लिए दुनिया के प्रमुख लडाकू विमानों को परखा था तो यह राफेल के बाद दूसरे नंबर पर रहा था। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी कह चुके हैं कि भारत को लडाकू विमानों के स्कवैड्रनों की संख्या बढाने के लिए स्वदेशी तेजस और राफेल के साथ साथ एक और विमान की जरूरत है। सूत्राें के अनुसार ग्रिपेन इस कमी को पूरा कर सकता है। स्वीडन के रक्षा मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि उनका देश मोदी सरकार की मेक इन इंडिया योजना के तहत ग्रिपेन विमान भारत में बनाने पर विचार कर सकता है। सूत्रों के अनुसार ग्रिपेन ने भारत के स्वदेशी लडाकू विमान तेजस की कुछ प्रणालियों को उन्नत बनाने के लिए मदद की भी पेशकश की है।

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