- आट्र्स काॅलेज की परीक्षा को निरस्त कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की उठी मांग प्रभारी प्राचार्य की बर्खास्तगी और पटना कांलेज में कलाकार-छात्रों से मारपीट के दोषियों पर कड़ी कार्यवाही तक चलेगा आंदोलन छात्र संगठन ।
- जेल में भी अनषन पर बैठे ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार को बेउर कारागार के जेलर रूपक कुमार ने उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य को देखते हुए उनसे आग्रह व आष्वासन दिया कि उनकी मांग पत्र को राज्यपाल को भेजा जाएगा।
पटना, 05 जून। आज पटना में छात्र संगठनों ने पटना आटर््स काॅलेज में छात्रों पर सत्ताधारी दल ने छात्र संगठन छात्र समागम के गुंडों द्वारा हमले के खिलाफ प्रतिरोध करते हुए मुख्यमंत्री नीतीष कुमार का अर्थी जुलूस निकाला । जुलूस में ए.आई.एस.एफ., ए.सी.एस.एफ. आइसा, जन अधिकार छात्र परिषद, दिषा, ए.आई.डी.एस.ओ. शामिल हो। अर्थी जुलूस स्थानीय पटना आटर््स काॅलेज से निकल कर इनकम टैक्स गोलंबर पहुंचा जहां अर्थी को जलाया गया। छात्रों ने पटना आटर््स काॅलेज में से निकल कर इनकमटैक्स गोलबंद पहुँचा जहां अर्थी को जलाया गया। छात्रों ने पटना आटर््स काॅलेज के प्रभारी प्राचार्य को बर्खास्त करने, ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार समेत सभी गिरफ्तार छात्रों को बिना शत्र्त अविलंब रिहा करने, अवैध तरीके से आयोजित परीक्षा को निरस्त कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग रखी ।
अर्थी जुलूस के पश्चात आयोजित सभा को संबोधित करते हुए ए.आई.एस.एफ. के राज्य परिषद सदस्य आकाष गौरव, आइसा के राज्य सचिव अजीत कुषवाहा, ने कहा कि एक ओर नीतीष कुमार संघ मुक्त भारत की बात करते हैं, कहीं दूसरी आरे अपने गुंडों से आन्दोलकारी छात्रों पर संघी अंदाज में हमला कराते हैं नेताओं ने कहा कि नीतीष कुमार का दोहरा चरित्र खुलकर सामने आ गया है। लगातार 1 महीने से छात्रों का अनषन और आंदोलन चल रहा है लेकिन छात्रों का पक्ष लेने की बजाए मुख्यमंत्री ने भ्रष्ट कला विरोधी प्राचार्य के पास से छात्रों पर हमला कराया। देष भर का छात्र समुदाय इसके खिलाफ आन्दोलन है और आज जे.एन.यू. छात्र संघ की तरफ से दिल्ली में बिहार भवन का घेराव किया गया है। शीघ्र ही पटना में भी आंदोलन और आक्रामक होकर उभरेगा। आज के कार्यक्रम में ए.आई.एस.एफ. के जिला सचिव रूपेष सिंह, महेष कुमार, आदित्य, अभिनाष बिट्टू आइसा से सुधीर, आकाष कष्यप, निखिल, षिवप्रकाष, रामजी यादव, दिषा से भास्कर सहित दर्जनों छात्र उपस्थित थे।

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