नयी दिल्ली, 16 जून, आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक और पार्टी प्रवक्ता अलका लांबा को श्री गाेपाल राय के परिवहन मंत्री का पद छोड़ने को लेकर पार्टी से इतर जाकर दिया गया बयान इतना महंगा पड़ गया कि उन्हें प्रवक्ता पद से हाथ धोना पड़ा। हालांकि पार्टी सूत्रों के अनुसार सुश्री लांबा को केवल दो महीने के लिए प्रवक्ता पद से हटाया गया है। इसके बाद उन्हें यह जिम्मेदारी वापस दे दी जाएगी। प्रवक्ता पद से हटाए जाने की सूचना उन्हें कल रात ही दे दी गई थी। सुश्री लांबा ने गोपाल राय के परिवहन मंत्री का पद छोड़ने के मामले में बयान दिया था कि दिल्ली में प्रस्तावित प्रीमियम बस सेवा को में कथित घोटाले के आरोपों की जांच के लिए खुद मुख्यंमत्री केजरीवाल ने उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा है।
वह अति उत्साह में यहां तक कह गईं कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने अपने किसी मंत्री को घोटाले का आरोप लगने के बाद पद छोड़ने को कहा है। दूसरी ओर उनकी पार्टी यह कह रही थी कि श्री राय ने स्वास्थ्य कारणों से परिवहन मंत्रालय का पद छोड़ा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार सुश्री लांबा के इस बयान काे गैर जिम्मेदाराना मानते हुए दंड स्वरूप उन्हें दो महीने के लिए प्रवक्ता पद से मुक्त कर दिया गया है। सुश्री लांबा ने आज ट्विटर पर इसकी प्रतिक्रिया में कहा ‘‘मैं पार्टी की एक अनुशासित कार्यकर्ता हूूं। उसके हर फैसले का सम्मान करती हूं। मुझसे अनजाने में भी यदि कोई गलती हुई है तो मैं उसके लिए पश्चाताप करूंगी ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी की लड़ाई को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।’ उन्होंने इसके साथ ही आध्यात्मिक अंदाज में गीता की यह पंक्तियां भी लिखीं कि ‘‘जो हुआ अच्छा हुआ। जो होता है अच्छे के लिए होता है, आगे भी जो होगा अच्छा ही होगा। चिंता नहीं करनी चाहिए। चिंता चिता समान होती है।’’

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