सीतलवाड़ के एनजीओ ‘सबरंग’ का पंजीकरण रद्द - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 16 जून 2016

सीतलवाड़ के एनजीओ ‘सबरंग’ का पंजीकरण रद्द

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नयी दिल्ली,16जून, सरकार ने विदेशी चंदा विनियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन और कई अन्य वित्तीय अनियमितताओं के कारण सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के गैर सरकारी संगठन सबरंग ट्रस्ट का पंजीकरण रद्द कर दिया है। संगठन का पंजीकरण रद्द करने का आदेश गृह मंत्रालय की ओर से जारी किया गया। अादेश में कहा गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद द्वारा संचालित सबरंग ट्रस्ट में जांच के दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं। इस बारे में ट्रस्ट की ओर से पेश की गई सफाई संतोषजनक नहीं थी लिहाजा उसका पंजीकरण रद्द किया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने कहा कि एफसीआरए 2010 की धारा 14 के विभिन्न उपबंधों के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए केन्द्र सरकार सबरंग ट्रस्ट का पंजीकरण तत्काल प्रभाव से रद्द कर रही है।

मंत्रालय के अनुसार तीस्ता और उसके पति श्री आनंद एक अन्य वाणिज्यिक कंपनी सबरंग कम्युनिकेशन्स और पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड ( एससीपीपीएल) के निदेशक, सह संपादक, मुद्रक और प्रकाशक के तौर पर भी काम कर रहे हैं और ‘कम्युनलिज्म कांबैट’नाम से एक पत्रिका भी प्रकाशित करते हैं। मंत्रालय के अनुसार सबरंग ट्रस्ट ने एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 50 लाख रुपए गैर कानूनी तरीके से सबरंग ट्रस्ट से एससीपीपीएल में स्थानांतरित किए। इस तरह से उसने विदेशों से प्राप्त चंदे की रकम को गैर पंजीकृत कंपनी में अपने निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया जो कि एफसीआरए कानून के तहत पूरी तरह निषिद्ध है। आदेश में यह भी कहा गया है कि ट्रस्ट ने विदेशी चंदा की रकम में से 46 लाख रुपए सबरंग के देशी खाते में डाले और इस तरह से अपने घरेलू और विदेशी खातों की रकम को एक दूसरे में मिलाकर घाल मेल किया जो कि एफसीआरए कानून के तहत प्रतिबंधित है।

इससे पहले भी एफसीआरए के उल्लंघन के मामले में सबरंग का पंजीकरण 10 सितंबर 2015 से छह माह के लिए निलंबित कर दिया गया था। गृह मंत्रालय ने उस समय पारित अपने आदेश में कहा था कि सबरंग ट्रस्ट के पंजीकरण को 180 दिन के लिए निलंबित किया जाता है। हालांकि आदेश में यह भी कहा गया था कि यदि संगठन चाहे तो इसके खिलाफ मंत्रालय में अपना पक्ष रख सकता है लेकिन यदि उसकी बात से मंत्रालय संतुष्ट नहीं हुआ तो उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। तीस्ता ने गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों के शिकार लोगों के मामलों में उनकी पैरवी की थी। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस फर्म पर एफसीआरए कानून का उल्लंघन कर विदेशी स्रोतों से चंदा स्वीकार करने के स्पष्ट प्रमाण की बात सरकार ने कही है। उसके अनुसार सबरंग के खातों की जांच करने पर पता चला था कि इसे 2010-11 और 2011-12 में क्रमश 48.42 लाख और 49.10 लाख रुपए का अनुदान मिला है। इसमें से उसने प्रशासनिक कार्यों पर 30.97 लाख और 27.07 लाख रुपए खर्च किये। यह राशि क्रमश: 64.23 प्रतिशत और 55.14 प्रतिशत बैठती है। 

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