बेगूसराय (बिहार) की खबर (10 जून) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 10 जून 2016

बेगूसराय (बिहार) की खबर (10 जून)

ये विभाजन नहीं तो और क्या है

begusarai news
प्रद्योत कुमार,बेगूसराय।हम जब भी कहीं सफर करते हैं तो एक बात अक्सर सुनने को मिलता है कि हम लोकल हैं,दिमाग़ में हर समय एक बात घूमती रहती है कि यहां कुछ ना बोलने में फायदा है क्योंकि ये यहां का लोकल है,अभिभावक ने बचपन से सिखाया घर से बाहर जा रहे हो लोकल से बहस मत करना या उसके मुहं मत लगना,लेकिन बात समझ नहीं आई कि अगर हिन्दुस्तान में हिन्दुस्तानी लोकल नहीं है तो क्या हम इंडिनेशिया में लोकल होंगे,हाँ ये अलग बात है कि उज़्बेकिस्तान का नागरिक भारत में लोकल नहीं एस टी डी होगा।एक बात कितना सच है कि पूंजीपति व्यवस्था ने भारत में ही लोकल और एस टी डी बना दिया और हम भी उसी श्रेणी में उसका दासत्व स्वीकार किये खड़े हैं क्योंकि इस देश का क़ानून भी पूँजीवादी व्यवस्था के चंगुल में क़ैद है।हमारे साथ,हमारे परिवार के साथ दूसरे किसी राज्य में बदसलूकी हुआ,बेअदबी हुआ तो हम प्रतिकार करते हैं और पुलिस में शिकायत करते हैं तो क़ानून का जुनून भी लोकल हो जाता है यानि कि आई पी सी और सी आर पी सी भी लोकल हो जाता है चूँकि उस पर एक्ट करने वाला व्यक्ति लोकल है इसीलिए हम ख़ुद को कहीं महफ़ूज़ नहीं समझते हैं,चाहे हम किसी धर्म,किसी मज़हब,किसी प्रांत,किसी लिंग या किसी क्षेत्र से क्यों ना हों अपने ही देश में हम गुनहगारों की तरह जीते हैं,डरावनी और भयभीत निगाहों से एक दूसरे को देखते हैं।क्या यही है लोकल होने का मतलब,ये लोकल रूपी ज़हर हमें आपस में बाँट कर रखती है।आखिर ये फर्क पैदा किसने किया,क्या हमारा संविधान हमें इन बातों की इजाज़त देता है?अगर नहीं तो फिर ये लोकल और एस टी डी का विभाजन क्यों।इन नेताओं को वोट की राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा नहीं तो एक वक़्त ऐसा आएगा कि पूरे देश में जनता नहीं सिर्फ नेता ही होगा।ये नेताओं के द्वारा फूंके गए विभाजन कि आग है,विभाजन का दर्द बहुत पीड़ा देती है,चाहे विभाजन छोटा हो या बड़ा।

शातिर अपराधी गिरफ्तार

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अरूण कुमार, मटिहानी, बेगूसराय। मुफसिल थानाध्यक्ष और उनके सहयोगियों ने एक ऐसे अपराधियों को धर दबोचने में सफलता प्राप्त की है जो ना जाने कितने ही घटनाओं को अंजाम दे चुका है।इसे उस वक्त धर दबोचा गया जब ये दोनो अपराधी फिर किसी घटना को अंजाम देने जा रहा था।अपराधी,राजु उर्फ निर्भय,पे• अशोक सिंह,दीपक उर्फ माईकल,पे• छोटू सिंह उर्फ शिवचन्द्र सिंह।ये दोनो ही ग्राम,चतुर्भुज विष्णुपुर,रतनपुर बेगूसराय का रहनेवाला है।इसे पसपुरा ढाला,रामदिरी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया,इन अपराधियों पर काण्ड संख्या 234/16,दिनांक 07-06-2016,25 (1-b)A-26/35, शस्त्र अधिनियम एवं बिहार उत्पाद अधिनियम 20/6 (4/5-53b) का नामजद अभियुक्त है।इसके पास से एक देशी कट्टा और तीन जिन्दा कारतूस 303 भी बरामद हुआ।इस गिरफ्तारी में मुफसिल थानाध्यक्ष को सहयोग कर रहे थे,एस•एच•ओ• चकिया से राजु रतन,एफ•सी•आई,जीरो माईल से शैलेश कुमार,अजय कुमार अजनबी,रतनपुर ओ•पी• से अमित कुमार एवं पु•अ•नि• पवन कुमार।उक्त जानकारी मुफसिल थानाध्यक्ष मो०इरशाद आलम ने दी।इस तरह के सराहनिय काम से ज़िलावासी खुद को महफ़ूज़ महसूस करेंगे।

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