नयी दिल्ली,10जून, दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने वर्ष 2014 में डेनमार्क की एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आज पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। दोषियों में महेंद्र उर्फ गंजा (27), मोहम्मद राजा (23), राजू (24), अर्जुन (22) एवं राजू चक्का (23) शामिल हैं। इन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी ( दुष्कर्म ), 395 (डकैती), 366 (अपहरण), 342 (भद्दी टिप्पणी), 506 (आपराधिक धमकी), 34 के तहत सजा सुनायी गयी है। इन लोगों ने डेनमार्क की 52 वर्षीय महिला पर्यटक को चाकू की नोंक पर अगवा करके नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक सुनसान जगह पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसका सामान भी लूट कर ले गए गए थे।
महिला इन अारोपियों से रास्ता पूछने गई थी। इस मामले में तीन नाबालिगों सहित नौ लोगों को आरोपी ठहराया गया था लेकिन इनमें से एक आरोपी श्यामलाल की फरवरी में तिहाड़ जेल में मौत हो गई थी। लिहाजा उसके खिलाफ मुकदमा बंद कर दिया गया। आरोपी नाबालिगों के खिलाफ सुनवाई किशाेर न्याय बोर्ड में की जा रही है। बचाव पक्ष की ओर से पेश वकील डीके शर्मा ने कहा कि वह निचली अदालत के आज के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक उन्हें फैसले की प्रति नहीं मिली है जैसे ही मिल जाएगी वह इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने सोमवार को सभी पांच आरोपियों को दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया था और दोनों पक्षों की अंतिम जिरह सुनने के बाद कल इस मामले में सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सजा सुनाए जाने के वक्त सभी पाचों दाेषी अदालत में मौजूद थे। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील ने दोषियों के खिलाफ 27 गवाहों के बयान लिए थे।

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