नयी दिल्ली, 11 जून, अखिल भारतीय टेनिस संघ(एआईटीए) ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुये शनिवार को घोषणा कर दी कि रियो ओलंपिक में लीजेंड लिएंडर पेस पुरूष वर्ग में रोहन बोपन्ना के जोड़ीदार होंगे जबकि मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा और बोपन्ना की जोड़ी उतरेगी। महिला युगल में सानिया की जोड़ीदार प्रार्थना थोंबरे होंगी। एआईटीए की चयन समिति की यहां आर के खन्ना टेनिस स्टेडियम में बैठक के बाद एआईटीए के अध्यक्ष अनिल खन्ना ने संवाददाता सम्मेलन में रियो आेलंपिक के लिये भारतीय टीम की घोषणा की। खन्ना ने कहा“ रियो ओलंपिक में देशहित को ध्यान में रखते हुये और रैंकिंग तथा पदक संभावनाओं को देखते हुये चयन समिति ने बोपन्ना के साथ पेस को पुरूष युगल में तथा सानिया के साथ बोपन्ना को मिश्रित युगल में उतारने का फैसला किया है।”
चयन समिति की बैठक की अध्यक्षता एस पी मिश्रा ने की जबकि अन्य सदस्यों में बलराम सिंह, नंदन बल तथा कप्तान जीशान अली के अलावा खुद खन्ना भी बैठक में मौजूद थे। समिति ने बैठक में बोपन्ना और सानिया के एआईटीए को लिखे हुये पत्रों और बोपन्ना के पेस तथा मिनैनी के साथ डेविस कप युगल मुकाबलों के प्रदर्शन पर भी विचार किया। बोपन्ना पुरूष युगल में शीर्ष 10 में शामिल खिलाड़ी हैं और उन्होंने एआईटीए को एक पत्र लिखकर साकेत मिनैनी के साथ जोड़ी बनाने की इच्छा जताई थी लेकिन खन्ना ने कहा कि चयन समिति का मानना है कि बोपन्ना और पेस की जोड़ी में पदक जीतने की संभावना अधिक है इसलिये उन्होंने इस जोड़ी को चुन लिया। चयन समिति के इस फैसले के बाद पेस का अब विश्व रिकार्ड सातवां ओलंपिक खेलने का सपना पूरा हो जाएगा। खुद पेस ने भी कहा था कि उनकी बोपन्ना की जोड़ी सर्वश्रेष्ठ रहेगी।
खन्ना ने साथ ही बताया कि मिश्रित युगल में चयन समिति ने विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी सानिया के साथ बोपन्ना को उतारने का फैसला किया है और क्योंकि समिति को लगता है कि इस जोड़ी में पदक जीतने की संभावना है। चयन समिति ने महिला युगल के लिये सानिया की जोड़ीदार के रूप में प्रार्थना थोंबरे को चुना है। एआईटीए के अध्यक्ष ने कहा“ हमने बोपन्ना और सानिया के पत्रों पर विचार करने और खिलाड़ियों की रैंकिंग देखने के बाद यह फैसला किया जो देश के हित में और पदक संभावनाओं के मद्देनजर यह जोड़ियां सर्वश्रेष्ठ होगी। इनसे हम एक या दो पदक की उम्मीद कर सकते हैं।” खन्ना ने कहा “ बोपन्ना ने टॉप 10 में पहुंचकर और सानिया के नंबर एक रहने पर हमारा कुछ काम आसान हो गया। हमने बोपन्ना का पत्र देखा था जिसमें उन्होंने मिनैनी के साथ खेलने की इच्छा जताई थी लेकिन उन्होंने पेस के साथ खेलने से इंकार नहीं किया था। सानिया ने भी अपने पत्र में अपनी इच्छा जताई थी लेकिन फैसला चयन समिति पर छोड़ दिया था। अब आप देखते हैं कि एक तरह से सानिया की इच्छा पूरी हो गई।”
खन्ना ने चयन समिति के सदस्यों के साथ संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि इस फैसले की जानकारी के पत्र सभी खिलाड़ियों को भेज दिये गये हैं और उन्हें लगता है कि खिलाड़ी इस बात को मानेंगे कि देश हित में सही फैसला किया गया है। यह पूछने पर कि क्या बोपन्ना अपने जोड़ीदार के रूप में पेस पर कोई आपत्ति करेंगे, खन्ना ने कहा“ मैं कोई अटकलें नहीं लगाना चाहता। खिलाड़ियों को देश के हित में खेलना होगा। चयन समिति ने सब बातों पर विचार करने के बाद यह फैसला किया है।” उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को विंबलडन चैंपियनशिप समाप्त हो जाएगी और पेस तथा बोपन्ना को 11-12 जुलाई को चंडीगढ़ बुलाया गया है जहां भारत को कोरिया के साथ 15 से 17 जुलाई तक डेविस कप मुकाबला खेलना है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक पेस और बोपन्ना को साथ खेलने का अनुभव मिल जाएगा और उनकी अोलंपिक तैयारियों में भी इजाफा होगा। पेस 17 जून को 43 वर्ष के होने जा रहे हैं और वह रिकार्ड सातवीं बार ओलंपिक खेलने उतरेंगे। खन्ना ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया कि देश के शीर्ष खिलाड़ियों में अहमं का कोई टकराव है। भारतीय टीम के कप्तान जीशान अली ने भी कहा“ चंडीगढ़ में एक सप्ताह के दौरान खिलाड़ियों को एक दूसरे को समझने और एक साथ अभ्यास करने में मदद मिलेगी।” यहां यह बात उल्लेखनीय है कि बोपन्ना देश के ऐसे तीसरे पुरूष खिलाड़ी बने हैं जिन्हें ओलंपिक में सीधा प्रवेश मिला है। 36 वर्षीय बोपन्ना के पत्र के बारे में बार बार पूछे जाने पर खन्ना ने कहा“ चयन समिति ने बोपन्ना के पत्र पर गौर किया था जिसमें उन्होंने अपने कारण गिनाये थे कि क्यों साकेत बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन बोपन्ना ने साथ ही कहा था कि वह गौरव के साथ देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं। रोहन और लिएंडर डेविस कप में चार बार साथ खेले हैं और दोनों का दो जीत और दो हार का रिकार्ड है जबकि रोहन और साकेत तीन बार डेविस कप में साथ खेले हैं और उनका दो जीत और एक हार का रिकार्ड है।
खन्ना ने साथ ही बताया कि मिश्रित युगल में चयन समिति ने विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी सानिया के साथ बोपन्ना को उतारने का फैसला किया है और क्योंकि समिति को लगता है कि इस जोड़ी में पदक जीतने की संभावना है। चयन समिति ने महिला युगल के लिये सानिया की जोड़ीदार के रूप में प्रार्थना थोंबरे को चुना है। एआईटीए के अध्यक्ष ने कहा“ हमने बोपन्ना और सानिया के पत्रों पर विचार करने और खिलाड़ियों की रैंकिंग देखने के बाद यह फैसला किया जो देश के हित में और पदक संभावनाओं के मद्देनजर यह जोड़ियां सर्वश्रेष्ठ होगी। इनसे हम एक या दो पदक की उम्मीद कर सकते हैं।” खन्ना ने कहा “ बोपन्ना ने टॉप 10 में पहुंचकर और सानिया के नंबर एक रहने पर हमारा कुछ काम आसान हो गया। हमने बोपन्ना का पत्र देखा था जिसमें उन्होंने मिनैनी के साथ खेलने की इच्छा जताई थी लेकिन उन्होंने पेस के साथ खेलने से इंकार नहीं किया था। सानिया ने भी अपने पत्र में अपनी इच्छा जताई थी लेकिन फैसला चयन समिति पर छोड़ दिया था। अब आप देखते हैं कि एक तरह से सानिया की इच्छा पूरी हो गई।”
खन्ना ने चयन समिति के सदस्यों के साथ संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि इस फैसले की जानकारी के पत्र सभी खिलाड़ियों को भेज दिये गये हैं और उन्हें लगता है कि खिलाड़ी इस बात को मानेंगे कि देश हित में सही फैसला किया गया है। यह पूछने पर कि क्या बोपन्ना अपने जोड़ीदार के रूप में पेस पर कोई आपत्ति करेंगे, खन्ना ने कहा“ मैं कोई अटकलें नहीं लगाना चाहता। खिलाड़ियों को देश के हित में खेलना होगा। चयन समिति ने सब बातों पर विचार करने के बाद यह फैसला किया है।” उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को विंबलडन चैंपियनशिप समाप्त हो जाएगी और पेस तथा बोपन्ना को 11-12 जुलाई को चंडीगढ़ बुलाया गया है जहां भारत को कोरिया के साथ 15 से 17 जुलाई तक डेविस कप मुकाबला खेलना है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक पेस और बोपन्ना को साथ खेलने का अनुभव मिल जाएगा और उनकी अोलंपिक तैयारियों में भी इजाफा होगा। पेस 17 जून को 43 वर्ष के होने जा रहे हैं और वह रिकार्ड सातवीं बार ओलंपिक खेलने उतरेंगे। खन्ना ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया कि देश के शीर्ष खिलाड़ियों में अहमं का कोई टकराव है। भारतीय टीम के कप्तान जीशान अली ने भी कहा“ चंडीगढ़ में एक सप्ताह के दौरान खिलाड़ियों को एक दूसरे को समझने और एक साथ अभ्यास करने में मदद मिलेगी।” यहां यह बात उल्लेखनीय है कि बोपन्ना देश के ऐसे तीसरे पुरूष खिलाड़ी बने हैं जिन्हें ओलंपिक में सीधा प्रवेश मिला है। 36 वर्षीय बोपन्ना के पत्र के बारे में बार बार पूछे जाने पर खन्ना ने कहा“ चयन समिति ने बोपन्ना के पत्र पर गौर किया था जिसमें उन्होंने अपने कारण गिनाये थे कि क्यों साकेत बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन बोपन्ना ने साथ ही कहा था कि वह गौरव के साथ देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं। रोहन और लिएंडर डेविस कप में चार बार साथ खेले हैं और दोनों का दो जीत और दो हार का रिकार्ड है जबकि रोहन और साकेत तीन बार डेविस कप में साथ खेले हैं और उनका दो जीत और एक हार का रिकार्ड है।

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