नयी दिल्ली, 10 जून, भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस को झटका देते हुये रोहन बोपन्ना ने आगामी रियो ओलंपिक के पुरुष युगल मुकाबले में साकेत मिनेनी के साथ जोड़ी बनाने की इच्छा जताई है। हालांकि अभी इस बात पर अंतिम फैसला अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की चयन समिति शनिवार को यहां अपनी बैठक में करेगी। इस बैठक में रियो आेलंपिक के लिये भारतीय टेनिस टीम घोषित होगी। शीर्ष युगल टेनिस खिलाड़ी बोपन्ना विश्व रैंकिंग के पुरूष युगल वर्ग में शीर्ष-10 में पहुंच गये हैं जिससे अब उनके पास रियो ओलंपिक के पुरूष युगल वर्ग के लिये अपना जाेड़ीदार चुनने का अधिकार आ गया है और उन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए साकेत मिनेनी के साथ जोड़ी बनाने की इच्छा जताई है। बोपन्ना ने कहा, “विश्व की शीर्ष दस रैंकिंग में जगह बनाने की वजह से मेरे पास अपना जोड़ीदार चुनने का अधिकार है और मैं इसका इस्तेमाल करना चाहता हूं। मेरे लिए सबसे संभावित उम्दा जोड़ीदार साकेत मिनेनी ही साबित होंगे।” हालांकि इससे पहले पेस ने भरोसा जताया था कि बोपन्ना के साथ उनकी जोड़ी ही रियो के लिए सर्वश्रेष्ठ साबित होगी। पेस ने हाल में फ्रेंच ओपन में मिश्रित युगल का खिताब जीता था जिससे उन्हें रैंकिंग में पांच स्थान का फायदा हुआ है लेकिन जोड़ीदार चुनने का अधिकार सिर्फ बोपन्ना के पास है। वैसे चयन समिति काे यह देखना है कि रियो में देश की पदक उम्मीद के लिये सर्वश्रेष्ठ जोड़ी कौन सी रहेगी। बोपन्ना ने अपनी इच्छा तो जता दी है लेकिन विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने मिश्रित युगल के लिये अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सानिया ने कहा है कि उन्होंने चयन समिति को अपनी इच्छा के बारे में बता दिया है अौर फैसला अब चयन समिति को ही करना है।
यदि चयन समिति पेस को रियो ओलंपिक के लिये नहीं चुनती है तो उनका विश्व रिकाॅर्ड सातवीं बार ओलंपिक में खेलने का सपना अधूरा रह जायेगा। पेस ने गुरुवार रात यहां एक कार्यक्रम में कहा था कि वह सातवीं बार ओलंपिक में उतरकर विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं और देश के लिये पदक भी हासिल करना चाहते हैं। पेस ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक में एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था। चार साल पहले लंदन ओलंपिक के समय पेस पुरूष युगल के टॉप-10 में थे और वह बोपन्ना के साथ जोड़ी बनाना चाहते थे लेकिन उस समय एटीपी टूर में बोपन्ना महेश भूपति के साथ जोड़ी बनाकर खेल रहे थे। बोपन्ना और भूपति दोनों ने ही पेस के साथ जोड़ी बनाने से इंकार कर दिया था और उस समय यह राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गया था। पेस को फिर ओलंपिक में 326वीं एकल रैंकिंग के विष्णुवर्धन के साथ जोड़ी बनाकर खेलना पड़ा था और वह मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा के साथ उतरे थे जबकि बोपन्ना और भूपति पुरूष युगल में एक साथ खेले थे।

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