पटना,05 जून, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित इंटरमीडियेट कला एवं विज्ञान संकाय की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी जांच के लिए न्यायिक समिति और उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है । परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने आज यहां बताया कि न्यायिक समिति के अध्यक्ष पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश घनश्याम प्रसाद होंगे। न्यायिक समिति में सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी.पी.श्रीवास्तव और भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी मिट्ठू प्रसाद को बतौर सदस्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि न्यायिक समिति विज्ञान और कला विषय की प्रावीण्य सूची में अयोग्य विद्यार्थियों का चयन हो जाने के मामले की जांच करेगी ।न्यायिक समिति के लिए रिपोर्ट देने की कोई समय सीमा तय नहीं की गयी है लेकिन उससे यथाशीघ्र रिपेार्ट देने को कहा गया है। दूसरी तरफ शिक्षा विभाग की ओर से बनायी गयी तीन सदस्यीय समिति में बिहार स्टेट एजूकेशनल इफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजीवन सिन्हा,माध्यमिक शिक्षा के निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन और जन शिक्षा के निदेशक विनोदानंद झा होंगे । तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति इंटरमीडिएट (कला एवं विज्ञान/2016) की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के सभी पहलुओं पर जांच कर 20 जून तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी।
उल्लेखनीय है कि परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी को लेकर शुक्रवार को इंटरमीडियेट साइंस और आर्ट्स के 14 टॉपर्स को परीक्षा समिति कार्यालय में नॉलेज टेस्ट के लिए बुलाया गया था लेकिन आर्ट्स की स्टेट टॉपर रूबी राय अवसाद की बात कहकर उपस्थित नहीं हुई थी। शेष 13 टॉपर्स की लिखित एवं मौखिक परीक्षा 11 विशेषज्ञों की टीम ने लिया। कदाचार समिति की अनुशंसा और जांच के आधार पर इंटरमीडियेट विज्ञान परीक्षा के ‘स्टेट टॉपर’ सौरव श्रेष्ठ का परीक्षा परिणाम ‘नॉलेज टेस्ट’ के बाद रद्द कर दिया गया था। इंटरमीडियेट आर्ट्स की टॉपर रुबी राय को एक सप्ताह के अंदर कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है । समिति ने इंटरमीडियेट साइंस के तीसरे टॉपर राहुल के रिजल्ट को भी रद्द कर दिया गया है । शेष 11 टॉपर्स की स्थिति को यथावत रखा गया है ।

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