पटना, 10 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार के मान्यता प्राप्त सांख्यिकी कर्मियों की सेवा समाप्त करने के राज्य सरकार के निर्णय की भर्त्सना की है, और इसे बिहार की युवा शक्ति के साथ किया गया घोर अपराध बताया है।
आज प्रेस को जारी एक वक्तव्य में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार अपने सात निष्चयों के बारे में जोर-षोर से प्रचार कार्य में जुट हुए हैं। इस प्रचार में वे युवा शक्ति को आत्म निर्भर बनाने की चर्चा करना भूलते नहीं हैं, पर एक ही झुटके में 72 हजार नौ सौ सांख्यिकी कर्मियों की सेवा समाप्त करने में इन्हें कोई झिझक नहीं हुई यह ताज्जुब की बात है। सरकारी मान्यता प्राप्त ये सांख्यिकी कर्मी पिछले लगभग पाँच सालों से बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं कृषि सहित विभिन्न विभागों के लिए आंकड़े जमा कर उन विभागों को योजना बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान किया करते थे। उन्हीं के द्वारा संग्रहीत आंकड़ों की मदद से बिहार सरकार ने अपने अनेक विभागों के लिए विकास की योजना बनायी है। पर सरकार के ताजा निर्णय से ऐसा प्रतीत होता है कि अब बिहार सरकार के लिए उनकी सेवा का कोई औचित्य नहीं रह गया है। सरकार के इस अमानवीय एवं संवेदनहीन निर्णय की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी घोर निन्दा करती है, और उन्हें पुनः सरकारी सेवा में बहाल करने की मांग करती है।

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