नयी दिल्ली,13 जून, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के संसदीय सचिव विधेयक को नामंजूर कर दिया जिससे आम आदमी पार्टी सरकार को करारा झटका लगा है। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के कार्यालय से जुडे सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था और उनकी सदस्यता को बचाने के लिए सरकार पिछले वर्ष यह विधेयक लाई थी । राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी नहीं दिए जाने के बाद 21 विधायकों के भविष्य को लेकर संकट खडा हो गया है।
एक ही वक्त में लाभ के दो पद संभाल रहे 21 विधायकों की सदस्यता पर संकट को देखते हुए पिछले वर्ष सरकार यह विधेयक लाई थी जिसमें मुख्य संसदीय सचिव को आफिस ऑफ प्राफिट के दायरे से बाहर रखने की बात कही गई थी। इस विधेयक में एक ऐसा क्लॉज भी डाला गया था जिससे 21 विधायकों जिन्हें संसदीय सचिव बनाया गया है उनकी सदस्यता समाप्त होने से बचाया जा सके। इस विधेयक को कानून बनाने के लिए उपराज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना आवश्यक है लेकिन राष्ट्रपति ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी है। माना जा रहा है कि यह दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को करारा झटका है।

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