नयी दिल्ली 12 जून, मार्क्सवादी कमयुनिस्ट पार्टी (माकपा) का कहना है कि अन्तरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में 62 प्रतिशत की कमी आयी और इससे भारत को दो लाख 14 हज़ार करोड़ रुपए की बचत हुई लेकिन मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल में डीजल के दाम 19 बार तथा पेट्रोल के दाम 16 बार बढ़े और कीमतें आसमान छूने लगीं। इतना ही नहीं हर दिन किसानों की औसत आत्महत्या की संख्या 42 से बढ़कर 52 हो गयी तथा दलितों, महिलाओं और आदिवासी हाशिये पर धकेल दिए गए। माकपा ने मोदी सरकार के दो साल के कामकाज के रिपोर्ट कार्ड में यह बात कही है। पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी द्वारा जारी इस रिपोर्ट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, काला धन, किसान आत्महत्या से लेकर सभी मसलों पर सरकार के दो साल के कामकाज की आलोचनात्मक समीक्षा की गयी है और बताया गया है कि किस तरह आम आदमी के लिए मुश्किलें पैदा हो गयी हैं, लेकिन सरकार ने विज्ञापनों पर अपने खर्च में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है और यह बढ़कर 1200 करोड़ रुपये हो गया है। पार्टी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दो साल में चने की दाल की कीमतों में 40 प्रतिशत, अरहर की दाल में 90 प्रतिशत, उड़द में 112 प्रतिशत, मूंग की दाल में 14 प्रतिशत तथा मसूर की दाल में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि चावल की कीमतों में 17 प्रतिशत, आटा में दस प्रतिशत, चीनी में 18 प्रतिशत दूध में 33 प्रतिशत, टमाटर में 71 प्रतिशत, आलू में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रविवार, 12 जून 2016
दो साल में 19 बार डीजल के दाम बढे,16 बार पेट्रोल के : माकपा
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