ज्वालामुखी में हो रही भर्तियों को लेकर भाजपा उग्र
ज्वालामुखी, 06 जून (मोनिका शर्मा)। ज्वालामुखी डिग्री कालेज और ज्वालामुखी मंदिर न्यास की ओर से की जा रही भर्तियों के मामले में राजनिति गरमा गई है। एक ओर कांग्रेस इस मामले में अपनी पीठ थपथपा रही है तो दूसरी ओर पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने सवाल उठाये हैं। धवाला ने आज यहां कहा कि हाल ही में की गई अवैध नियुक्तियों की वजह से इलाके के युवाओं में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले में चुप्प नहीं बैठेगी। व अंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी। धवाला ने कहा कि डिग्री कालेज ज्वालामुखी में तीस से चालीस और मंदिर न्यास में करीब बीस आदमियों को रखा गया है। लेकिन दोनों संस्थानों में की गई नियुक्तियों कोई भी प्रर्किया नहीं अपनाई गई। न तो साक्षात्कार लिये गये न ही अधिकारिक मंजूरी ली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब राजनैतिक दवाब के चलते ही किया गया। धवाला ने कहा कि पीटीए पर भर्तियों के लिये भी नियम हैं। लेकिन यहां किसी भी नियम कों नहीं अपनाया गया। उन्होंने कहा कि बीते साल भी पीटीए पर कुछ लोगों को रखा गया था, उस पर भी कुछ लोग अदालत में गये , जिस पर अदालत ने नियुक्तियों को रद्द कर दिया। लेकिन इसके बावजूद एक शिक्षक को चोर दरवाजे से दोबारा नियमों की अवहेलना कर कालेज में तैनात कर लिया गया। जो सरासर गलत है। धवाला ने चेताया कि राजनैतिक दवाब में जो अधिकारी गलत कार्य कर रहे हैं। उन्हें अदालत में जवाबदेह होना होगा। धवाला ने आरोप लगाया कि कांगड़ा के जिलाधीश दोनों संस्थानों के संरक्षक हैं, लेकिन उनकी ओर से आंख्ेा बंद कर लेने से यह सब होता रहा। उन्होंने प्रदेश सरकार से ज्वालामुखी भर्ती घोटाले की जंाच करने की मांग भी की। व कहा कि नियमों के अनुसार नियुक्तियां हों, ताकि बेरोजगारों को रोजगार मिल सके । इस बीच ज्वालामुखी मंडल कांग्रेस अध्यक्ष धर्मेन्दर शर्मा ने कहा कि धवाला हमेशा ही युवा विरोधी रहे हैं। उन्होंने दलील दी कि धवाला को इसका स्वागत करना चाहिये, लेकिन वह विरोध कर रहे हैं।
पर्यटन विकास निगम के एक अटपटे फैसले को लेकर सवाल उठने लगे
ज्वालामुखी, 06 जून (मोनिका शर्मा)। पर्यटन विकास निगम के एक अटपटे फैसले को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल निगम ने अब पिछले तीस सालों से कार्यरत निगम का एकाउंट आफिस ज्वालामुखी से बदलकर पालमपुर कर दिया है। यहां कार्यरत स्टाफ को बदल दिया गया है। जिससे निगम का कामकाज प्रभावित होने लगा है। चूंकि अब हमीरपुर , ज्वालामुखी, चिंतपुर्णी के पर्यटन निगम के होटल पालमपुर से जोड़े गये हैं। इनके साथ जोगिन्दर नगर को भी रखा गया है। हालांकि कई सालों से ज्वालामुखी में यह काम हो रहा था। एक जमाने में ज्वालामुखी में निगम का डीजीएम स्तर का अधिकारी बैठता था। लेकिन अब मैनेजर स्तर के अधिकारी के हवाले सबकुछ है। आरोप लगाया जा रहा है कि अधिकारियों की आपसी मिलीभगत से ऐसा किया गया है। जो कि तर्कसंगत नहीं माना जा सकता। हालात यह हैं कि अब ज्वालामुखी में डीडीओ पावर न होने की वजह से छोटे छोटे कामों के लिये पालमपुर जाना पड़ रहा है। ज्वालामुखी में निगम के होटल का कामकाज प्रभावित हो रहा है। निगम का होटल ज्वालाजी अरसे से लाभ वाली ईकाई रही है। लेकिन अब तकनीकी तौर पर घाटे में जा रही है। चूंकि अब इसे पालमपुर से जोड़ा गया है। पालमपुर में निगम का होटल लाभ में नहीं है। निगम के इस फैसले से इलाके के व्यापारी भी परेशान हैं, चूंकि अब उनके बिल भी समय पर पास नहीं हो रहे हैं। दलील दी जा रही है कि निगम को वापिस ज्वालामुखी में एकाउंट आफिस लाना चाहिये। ताकि लोगों को परेशानी न हो।

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