अकरा 14 जून, भारत एवं घाना ने आतंकवाद को साझा खतरा बताते हुए सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के घाना के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एक मुसीबत और पूरी दुनिया के लिए खतरा है। बयान में कहा गया, “जहाँ भारत लंबे समय से सीमा पार के आतंकवाद का शिकार रहा है, वहीं घाना बढ़ते संवेदनशीलता वाले क्षेत्र में स्थित है। इसीलिये दोनों नेता बेहतर सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग के लिए सहमत हुए हैं।”
दोनों नेताओं ने अकरा स्थित कोफी अन्नान यूएन पीसकीपींग सेंटर और नयी दिल्ली स्थित सेंटर फॉर यूएन पीसकीपींग के बीच बेहतर तालमेल की भी बात कही। बयान के अनुसार दोनों देशों ने नियमित एवं सुचारू तौर पर उच्च स्तरीय बातचीत पर सहमत हुए और बहुआयामी संबंधों के विविध पहलुओं की समीक्षा के लिए संयुक्त आयोग के रूप में संस्थागत ढाँचा तैयार करने का स्वागत किया। बयान में कहा गया कि यह दौरा दोनों देशों की करीबी द्विपक्षीय संबंधों को आगे और मजबूत करने की साझी चाहत का प्राकृतिक प्रदर्शन है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार एवं आर्थिक संबंधों को और मजबूत किए जाने की बात दोहरायी और कहा कि यह अब भी संभावनाओं से कमतर है। उन्होंने संयुक्त उर्वरक संयंत्र जैसे लाभादायक परियोजनाओं की शुरुआत पर भी जोर दिया। बयान में ऋण एवं ग्रांट के माध्यम से विकास कार्याें के लिए छूट पर मदद मुहैया कराने के लिए भारत के प्रति घाना का आभार भी जताया गया। काेमेंडा चीनी संयंत्र एवं एल्मिना मतस्य शोधन संयंत्र जैसे प्रमुख सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के लिए भारत के समर्थन का भी आभार व्यक्त किया गया।

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