नयी दिल्ली,14जून, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा दिल्ली सरकार के संसदीय सचिव विधेयक को लौटा दिए जाने के मसले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह नहीं चाहते कि दिल्ली सरकार किसी भी तरह काम करे। श्री केजरीवाल ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि श्री मोदी दिल्ली में भाजपा की हार को पचा नहीं पाए हैं और इसलिए दिल्ली सरकार के काम काज में हर समय बाधा खड़ी करते रहते हैं। उन्हाेंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली सरकार के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। देश के अन्य राज्यों को संसदीय सचिव का पद रखने की इजाजत मिली हुई है लेकिन दिल्ली को इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसे दाेेहरे लाभ का पद बताया जा रहा है जबकि असलियत यह है कि उनके यह विधायक संसदीय सचिव के तौर पर अतिरिक्त काम तो कर रहे हैं लेकिन इसकी एवज में उन्हें एक रूपया भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हरियाणा,नागालैंड,राजस्थान,पंजाब और गुजरात सहित कई राज्यों में संसदीय सचिव का पद है फिर आखिर ऐसी क्या बात है कि मोदी जी को दिल्ली के संसदीय सचिवों को लेकर अापत्ति है। श्री केजरीवाल ने कहा कि विधेयक को राष्ट्रपति की ओर से लौटाया जाना एक बहाना भर है सारी करस्तानी गृहमंत्रालय की है जो श्री मोदी के इशारे पर काम कर रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों काे दिल्ली सरकार ने संसदीय सचिव का पद दे रखा है। इस से सबंधित विधेयक राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था लेकिन कल राष्ट्रपति ने इसे लौटा दिया। यह विधेयक दिल्ली सरकार की ओर से गत वर्ष विधानसभा में पेश किया गया था ताकि पार्टी अपने 21 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से बचा सके। राष्ट्रपति की ओर से यह विधेयक लौटा दिए जाने से आप के इन 21 विधायकों का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्हें या तो यह पद छोड़ना पड़ेगा या फिर उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें