हरारे, 11 जून, जसप्रीत बुमराह (28 रन पर चार विकेट) की घातक गेंदबाजी के बाद अपना पहला वनडे खेल रहे ओपनर लोकेश राहुल की नाबाद 100 रन की शतकीय पारी के दम पर भारत के युवा तुर्काें ने अनुभवी कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के नेतृत्व में जिम्बाब्वे दौरे की विस्फोटक शुरुआत करते हुये मेजबान टीम को पहले वनडे में शनिवार को नौ विकेट से पीटकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। भारतीय गेंदबाजों ने कप्तान धोनी के पहले क्षेत्ररक्षण करने के फैसले को सही साबित करते हुये जिम्बाब्वे को 49.5 ओवर में मात्र 168 रन पर लुढ़का दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुये भारत ने हालांकि धीमी शुरुआत की और पदार्पण मैच खेल रहे करुण नायर का विकेट 11 के स्कोर पर गंवा दिया लेकिन इसके बाद राहुल (नाबाद 100) और अंबाटी रायुडू (नाबाद 62) ने भारत को जीत की मंजिल पर पहुंचा दिया। भारत ने 42.3 आेवर में एक विकेट पर 173 रन बनाये। राहुल ने विजयी छक्का मारकर न केवल अपना शतक पूरा किया बल्कि भारत को शानदार जीत भी दिला दी। राहुल ने इस तरह पहले वनडे में भारत की तरफ से सर्वाधिक बड़ी पारी खेलने और शतक बनाने का रिकॉर्ड कायम कर दिया। राहुल ने 115 गेंदों पर नाबाद 100 रन की पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने विजयी छक्का मारने के बाद जीत का शंखनाद किया। वह वनडे पदार्पण में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बन गये।
राहुल और रायुडू ने दूसरे विकेट के लिये 38 ओवर में 162 रन की मैच विजयी साझेदारी की। राहुल ने 115 गेंदों में सात चौकों अौर एक छक्के की मदद से नाबाद 100 रन और रायुडू ने 120 गेंदों में पांच चौकों की मदद से नाबाद 62 रन बनाये। राहुल ने अपनी मैच विजयी पारी के साथ किसी भारतीय बल्लेबाज का वनडे पदार्पण मैच में सर्वाधिक स्कोर भी बना दिया। उन्होंने रोबिन उथप्पा का 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ 86 रन बनाने का रिकार्ड तोड़ा। रायुडू ने भी अपने नाम एक उपलब्धि हासिल कर ली। उन्होंने वनडे में 1000 रन पूरे कर लिये। रायुडू ने इस आंकड़े तक पहुंचने के लिये 29 पारियां खेलीं और इस कीर्तिमान तक पहुंचने वाले वह संयुक्त रूप से चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गये। कप्तान धोनी ने भी 29 पारियों में 1000 रन पूरे किये थे। भारत ने इस मैच में तीन खिलाड़ियों लोकेश राहुल, करुण नायर और युजवेन्द्र चहल को अपना वनडे पदार्पण करने का मौका दिया। राहुल और नायर की जोड़ी जब भारतीय पारी की शुरुअात करने मैदान पर उतरी तो 1976 के बाद यह पहला मौका था जब दो पदार्पण कर रहे बल्लेबाजों ने ओपनिंग की शुरुआत की। 1976 में पार्थसारथी शर्मा और दिलीप वेंगसरकर ने क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में ओपनिंग की थी। युवा तुर्कों ने इस तरह टीम इंडिया काे शानदार जीत दिलायी अौर अपनी उपयाेगिता भी साबित कर दी। भारत ने 45 गेंद शेष रहते यह मुकाबला समाप्त कर दिया। जिम्बाब्वे के गेंदबाज शुरुआती विकेट हासिल करने के बाद दूसरा विकेट हासिल करने के लिये संघर्ष करते रह गये और उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। नायर का विकेट तेंदई चतारा ने लिया। नायर ने सात रन बनाये।
इससे पहले बुमराह (28 रन पर चार विकेट) की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे दौरे की शानदार शुरूआत करते हुये मेजबान टीम को 49.5 ओवर में मात्र 168 रन पर समेट दिया। भारतीय यार्कर मैन के नाम से मशहूर 22 वर्षीय बुमराह ने अपने दूसरे वनडे में गजब का प्रदर्शन करते हुये 9.5 ओवर में 28 रन देकर चार बल्लेबाजों को पॅवेलियन की राह दिखाई। धवल कुलकर्णी ने 10 ओवर में 42 रन पर दो विकेट, बरिंदर शरण ने 10 ओवर में 42 रन पर दो विकेट, लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल ने 10 अोवर में 26 रन पर एक विकेट और अपना पदार्पण मैच खेल रहे लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 10 अोवर में 27 रन पर एक विकेट लेकर जिम्बाब्वे की पारी को निपटाने में अहम योगदान दिया। चहल के अलावा इस मैच में बल्लेबाज करूण नायर और लोकेश राहुल ने अपना वनडे पदार्पण किया। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया और भारतीय गेंदबाजों ने 77 रन तक मेजबान टीम की आधी पारी निपटा कर कप्तान के फैसले को सही साबित कर दिया। एल्टन चिगुंबुरा ने 65 गेंदों में मात्र एक चौके के सहारे सर्वाधिक 41 रन की पारी खेली। सिकंदर रजा ने 23, क्रेग इरविन ने 21, रिचमंड मुतुंबानी ने 15, हैमिल्टन मसकाद्जा ने 14 और चामू चिभाभा ने 13 रन बनाये। जिम्बाब्वे के स्कोर में 20 अतिरिक्त रनों का भी योगदान रहा। बुमराह ने चिभाभा, वूसी सिबांदा, चिगुंबुरा और तेंदई चतारा को पवेलियन की राह दिखाई। कुलकर्णी ने मसकाद्जा और कप्तान ग्रीम क्रेमर के विकेट लिये। शरण ने ओपनर पीटर मूर और सिकंदर रजा को आउट किया। पटेल ने क्रेग इरविन और चहल ने मुतुम्बानी का विकेट लिया। जिम्बाब्वे की पारी में सबसे बड़ी पारी छठे विकेट के लिये रजा और चिगुंबुरा के बीच 38 रन की रही जबकि मुतुंबानी और चिगुंबुरा ने सातवें विकेट के लिये 25 रन जोड़े। भारतीय युवा गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को विकेट पर टिकने का कोई मौका नहीं दिया।

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