लंदन, 16 जून, एशियाई खेलों की स्वर्ण विजेता भारतीय टीम विश्व चैंपियन और दुनिया के नंबर एक आस्ट्रेलिया की चुनौती से पार नहीं पा सकी और गुरुवार को एफआईएच चैंपियंस ट्राॅफी हॉकी टूर्नामेंट के मुकाबले में उसे 2-4 से हार का सामना करना पड़ा जिससे उसकी टूर्नामेंट के फाइनल में जाने की उम्मीदें खत्म हो गयीं। आस्ट्रेलिया ने मंगलवार को बेल्जियम को 2-0 से पराजित कर फाइनल में जगह बना ली जबकि भारत ने एक अन्य एशियाई टीम कोरिया को 2-1 से पराजित कर खुद को फाइनल की होड़ में बनाये रखा था। भारतीय टीम को फाइनल की अपनी उम्मीदों के लिये कम से कम आस्ट्रेलिया के साथ ड्रा खेलने की जरूरत थी लेकिन अपने आखिरी लीग मुकाबले में आस्ट्रेलिया के हाथों मिली शिकस्त के साथ ही भारतीय टीम का फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया। आस्ट्रेलिया की ओर से ट्रेंट मिटन (20वें), अरान जालेवस्की (23वें), फ्लाइन ओगिलवी (35वें) और ट्रिस्टन व्हाइट (45वें) ने एक-एक गोल किया जबकि भारत की ओर से 45वें मिनट में वी रघुनाथ ने अौर 49वें मिनट में मनदीप सिंह ने गोल दागे।
टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम ने काफी मेहनत की लेकिन विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया के सामने वह कुछ खास करने में नाकाम साबित हुयी। आस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले में एक के बाद एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये जिसने उसकी जीत में अहम भूमिका निभाई जबकि दूसरी तरफ भारत इस मैच में तीन ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर सका। आस्ट्रेलिया को पहला पेनल्टी कॉर्नर 10वें मिनट में ही मिल गया लेकिन भारतीय गोलकीपर और टूर्नामेंट में कप्तान पीआर श्रीजेश ने ‘दीवार’ की तरह गोल का बचाव किया और हेवार्ड का शॉट गोल में तब्दील नहीं हो सका। पहला क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद दूसरे क्वार्टर में आस्ट्रेलिया ने तेजी दिखाई आैर फिर 18वें, 19वें और 20वें मिनट में लगातार पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये। श्रीजेश ने शानदार अंदाज में आस्ट्रेलिया के दो पेनल्टी कॉर्नर विफल कर दिये लेकिन 20वें मिनट में ट्रेंट मिटन ने उन्हें छकाते हुये अपनी टीम का पहला गोल दाग दिया। इसके तीन मिनट बाद ही अरान जालेवस्की ने 23वें मिनट में मैदानी गोल दागकर आस्ट्रेलिया की बढ़त को दोगुना कर दिया। पहले हाफ तक 2-0 की बढ़त बनाने के बाद आस्ट्रेलिया के फ्लाइन ओगिलवी ने 35वें मिनट में मैदानी गोल दागा और स्कोर 3-0 कर दिया। तीसरे क्वार्टर के अंतिम क्षणों में भारत ने वापसी करते हुये पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और फिर वी रघुनाथ ने टीम के नाम पहला गोल किया लेकिन इसके कुछ सेकेंड बाद ही ट्रिस्टन व्हाइट ने टीम का चौथा गोल दागकर स्कोर 4-1 कर दिया।
अंतिम क्वार्टर में आस्ट्रेलिया ने डिफेंसिव अंदाज अपनाया। हालांकि मनदीप सिंह ने 49वें मिनट में मैदानी गोल कर बढ़त को कुछ कम किया लेेकिन दुनिया की नंबर एक टीम ने अंत में 4-2 से जीत दर्ज कर भारत का फाइनल में पहुंचने का सपना तोड़ दिया। मैच समाप्ति की घोषणा होने के साथ ही आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया लेकिन भारतीय खिलाड़ी कुछ देर तक स्टेडियम में ही खड़े रहे। भारतीय कोच रोलैंट ओल्टमैंस भी टीम के प्रदर्शन से कुछ हद तक दुखी नजर आये। 1978 से अब तक भारतीय टीम एक बार भी भारतीय टीम इस टूर्नामेंट के फाइनल में नहीं पहुंची और उसके पास यह मैच जीतकर एक मौका था लेकिन वह आस्ट्रेलियाई चुनौती पर पार नहीं पा सकी। भारत ने वर्ष 1982 में टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था।

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