किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पुख्ता रणनीति बनाएं – कृषि उत्पादन आयुक्त
- जबलपुर संभाग के अधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न
प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीणा ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने की दृष्टि से पुख्ता रणनीति तैयार की जाए। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर जिलेवार योजना तैयार की जानी चाहिए।
श्री मीणा आज यहां संभाग के विभिन्न जिलों के सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी, प्रमुख सचिव कृषि डॉ राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास वी.के. बाथम तथा कमिश्नर श्री गुलशन बामरा भी मौजूद थे। बैठक के दौरान जबलपुर संभाग के विभिन्न जिलों के कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत एवं विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में श्री मीणा ने कहा कि कलेक्टर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि फसल कटाई के आंकड़े पूरी तरह सही हों ताकि साफ तस्वीर उभरकर सामने आए। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को बीमा कव्हरेज में लाना होगा। उन्होंने संभाग में खाद-बीज की उपलब्धता की बाबत् भी जानकारी ली। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कृषि यंत्रों का ऑनलाइन पंजीयन आरंभ किया गया है जिसके तहत पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसान लाभान्वित हो सकेंगे। श्री मीणा ने खाद-बीज और पौध संरक्षण के बारे में कलेक्टर्स से चर्चा की तथा अपेक्षा की कि वे नियमित अन्तराल में स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने निर्देशित किया कि आदतन कानून का उल्लंघन कर अमानक खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। बैठक में श्री मीणा ने फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि किसानों को बीमित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। बैठक में कृषि यंत्रीकरण पर भी चर्चा हुई और नये यंत्रों को अपनाने की दिशा में पहल की जरूरत बताई गई। एपीसी ने निर्देशित किया कि बीज समितियों का गठन किया जाए। प्रमुख सचिव कृषि डॉ राजेश राजौरा ने जिलेवार भूमि-उपयोग के वर्गीकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिंचित रकबा कम है वहां रकबा बढ़ाने की आवश्यकता है। डॉ राजौरा ने संभाग के विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्राच्छादन और उत्पादकता की बाबत् भी समीक्षा की। प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की हरसंभव मदद के लिए कृत-संकल्पित है। उन्होंने जिलों के फसल कटाई प्रयोगों की बाबत् भी समीक्षा की। डॉ राजौरा ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि क्षेत्र में शोधों का फायदा किसानों तक पहुंचना ही शोध को सार्थक बनाता है। बैठक में मृदा हैल्थ कार्ड योजना के अन्तर्गत विभिन्न जिलों में लिए गए सैम्पल और उनके प्रयोगशाला में विश्लेषण से सामने आए नतीजों पर भी चर्चा की गई। डॉ राजौरा ने अधिक संख्या में सैम्पल टेस्ट की जरूरत बताई। प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी ने मुख्यमंत्री कृषि सहकारी ऋण सहायता योजना का उल्लेख किया। उन्होंने विभिन्न जिलों में खरीफ फसल अल्पावधि ऋण वितरण की जानकारी भी तलब की। श्री केसरी ने किसान क्रेडिट कार्ड के विस्तृत क्षेत्र का जिक्र करते हुए संभाग के कुछ जिलों में और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया। बैठक में एपीसी श्री मीणा ने सीधे जिला कलेक्टरों से विभिन्न मसलों पर फीडबैक लिया। जिला कलेक्टरों ने निर्देशानुसार स्वाईल हैल्थ कार्ड के सम्बन्ध में प्रगति लाने और दलहन के विकास को प्रोत्साहन देने की बात कही। कलेक्टर्स ने आश्वस्त किया कि सामने आए मसलों पर केन्द्रित विशद् योजना तैयार की जाएगी ताकि किसानों के हितों का अधिकाधिक संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में मौजूद जिला कलेक्टरों ने पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमैप प्रस्तुत किया। इसमें उत्पादकता बढ़ाने के उपायों को अमल में लाने का भरोसा दिलाया गया। छिंदवाड़ा जिले में दलहन विकास की नई रणनीति और कटनी जिले में फसलों की प्रस्तावित उत्पादकता वृद्धि व वैज्ञानिक तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही गई। इसी प्रकार अन्य जिलों के कलेक्टरों ने भी अपने रोडमैप प्रस्तुत किए। बैठक के दूसरे सत्र में उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन तथा मछुआ कल्याण से सम्बन्धित मसलों पर विस्तृत चर्चा हुई। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मीणा ने कहा कि उपरोक्त सम्बन्ध में भी पांच वर्ष तक का रोडमैप तैयार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मिल्क रूट में अधिकाधिक दुधारू पशुओं का उत्प्रेरण सुनिश्चित करने की दृष्टि से कदम उठाए जाएं। सब्जियों और फलों के रूट के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई। एपीसी ने कहा कि खेत-तालाब, बलराम तालाब या मनरेगा तालाब में भी मत्स्य पालन किया जा सकेगा। तालाबों से सिंचाई की जाए तथा इसके तीन-चार माह बाद मत्स्य पालन भी किया जा सकता है। मनरेगा के कन्वर्जेंस से तालाब बनाए जा सकते हैं। उद्यानिकी आयुक्त एम.एस. धाकड़ ने कहा कि उद्यानिकी के उत्पादों को बढ़ावा देना बेहद लाभदायक है क्योंकि इनका मूल्य खेती से होने वाली आय से भी अधिक हो सकता है। श्री धाकड़ ने क्षेत्र प्रसार, उत्पादकता में वृद्धि और बेहतर विपणन पर जोर दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि उपरोक्त तीनों पहलुओं पर अपेक्षित ध्यान देने से किसान की आय बढ़ाने में मदद हासिल होगी। बैठक में बताया गया कि जल्द ही फलों व सब्जियों का रूट तय किया जाएगा और संभाग के विभिन्न जिलों में क्लस्टर बनाए जाएंगे। फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला गया। सब्जी क्षेत्र, मसाला क्षेत्र, औषधीय क्षेत्र तथा पुष्प क्षेत्र के विस्तार कार्यक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह तय किया गया कि सिंचाई क्षमता को ध्यान में रखते हुए कुल रकबे के एक हिस्से में सब्जी और मसाला फसलें पैदा की जाएं। बैठक में संरक्षित खेती के लिए पॉली हाऊस व शेडनेट हाउस के बारे में भी चर्चा हुई। बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि ओला, पानी अथवा अन्य आपदाओं से राहत के लिए बीमा कराया जाना ही बेहतर विकल्प साबित होगा। विभिन्न कृषक-हितैषी योजनाओं की चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि लगभग सभी योजनाओं में बिना किसी शुल्क के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। प्याज के अधिक उत्पादन और कम दामों पर बिक्री के सिलसिले में फसलोत्तर प्रबंधन के तहत भण्डारगृह के निर्माण को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत बताई गई। बैठक में बताया गया कि शीतगृह निर्माण के लिए बैंकों से मंजूरी आसानी से हासिल होगी।श्री मीणा ने जिला कलेक्टरों से विकासखण्ड स्तर पर उद्यानिकी विभाग के दफ्तरों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं करने को कहा। बैठक में प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास वी.के. बाथम ने मछली पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि मत्स्योत्पादन में जबलपुर संभाग अग्रणी स्थिति में है। सिवनी जिले में मत्स्य आहार संयत्र इकाई को एक बेहतरीन नवाचार निरूपित किया गया। मत्स्य कृषकों की आय बढ़ाने की दृष्टि से रोडमैप पर भी विचार-विमर्श हुआ। पशुपालन के जरिए किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा हुई। बैठक में संभाग के विभिन्न जिलों के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
सहकारी बैंक बनेगे वाणिज्यिक बैंकों के प्रतिस्पर्धी
- स्टाफ की कमी शीघ्र दूर की जायेगी – सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव
- कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन में सहकारी बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण – कृषि मंत्री श्री बिसेन
- जबलपुर में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के नये शाखा भवन का लोकार्पण
जबलपुर, 13 जून, 2016, प्रदेश के सहकारिता तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक बैंकों का प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कृषि के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भी इनकी सेवाओं का विस्तार किया जायेगा । सहकारी बैंकों में किसानों और नागरिकों को बेहतर सुविधायें देने के लिए भवनों को अत्याधुनिक बनाया जायेगा और बैंक भर्ती बोर्ड के माध्यम से कुशल अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भर्ती की जायेगी । सहकारी बैंकों में स्टाफ की कमी को भी आने वाले तीन चार माह के भीतर दूर कर लिया जायेगा । श्री भार्गव आज यहां मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक की संभागीय शाखा के सिविक सेन्टर मढ़ाताल में करीब 8 करोड़ रूपये की लागत से बने नये भवन के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे । प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री तथा जबलपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन की अध्यक्षता में आयोजित लोकार्पण समारोह में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री शरद जैन, महापौर श्रीमती डॉ. स्वाति गोडबोले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मनोरमा पटैल, विधायक श्री अंचल सोनकर एवं श्री अशोक रोहाणी, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती छोटी तीरथ कुंजाम, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, सहकारिता आयुक्त मनीष श्रीवास्तव, कलेक्टर महेश चन्द्र चौधरी एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा भी मंचासीन थे । सहकारिता मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि राज्य में कृषि क्षेत्र में हुए विकास में सहकारी बैंकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों ने सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ किसानों तक पहुंचाया हैं । मध्यप्रदेश में सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को जितना लाभ और सुविधायें दी गई हैं उतना शायद ही देश के किसी और राज्य में दिया गया हो । श्री भार्गव ने प्रदेश में कृषि उत्पादन में लगातार हो रही वृद्धि, प्रदेश को चार वर्षों से प्राप्त हो रहे कृषि कर्मण अवार्ड और कृषि को लाभ का धंधा बनाने के पीछे राज्य सरकार की नीतियों और किसानों की मेहनत के साथ-साथ सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषि के लिए उपलब्ध कराये जा रहे बिना ब्याज के अल्पकालीन ऋण को मुख्य वजह बताया । श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहां समय पर अल्पकालीन ऋण चुकाने वाले किसानों से एक भी पैसा ब्याज के रूप में नहीं लिया जाता । अब तो सहकारी बैंकों द्वारा अल्पकालीन ऋण लेने वाले किसानों को मूलधन चुकाने पर भी दस फीसदी की छूट दी जा रही है । श्री भार्गव ने सहकारी बैंकों एवं सहकारी संस्थाओं की माली हालत सुधारने और घाटे की पूर्ति की दिशा में राज्य सरकार द्वारा दी जा रही मदद एवं सुविधाओं के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार भी जताया । सहकारिता मंत्री ने प्रदेश में सहकारी संस्थाओं और सहकारी बैंकों को नई कार्य संस्कृति को अपनाने की जरूरत बताई । श्री भार्गव ने कहा कि बैंकों के नये और आधुनिक भवन भी इसकी छवि निखराने में सहायक होंगे । इस दिशा में पहल शुरू कर दी गई है । जबलपुर में नया भवन इसी पहल का नतीजा है । उन्होंने कहा कि बैंकों की शाखाओं में आने वाले किसानों एवं खाता धारकों के साथ बेहतर व्यवहार हो, उन्हें अच्छी से अच्छी सुविधायें मिलें तो सहकारी बैंकों की साख में और वृद्धि होगी । श्री भार्गव ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रदेश की सहकारी संस्थाओं को बेहतर कार्य निष्पादन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मिले पुरस्कारों का जिक्र भी किया । श्री भार्गव ने इसके लिए सहकारी बैंकों के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई भी दी । श्री भार्गव ने जबलपुर में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के नये शाखा भवन को महाकौशल क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात बताया । उन्होंने आशा व्यक्त की कि नये शाखा भवन से बैंक के उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधायें मिलेगी । श्री भार्गव ने नये शाखा भवन के लिए सहकारी बैंक के कर्मचारियों-अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह शाखा महाकौशल क्षेत्र की वित्तीय आशा और अपेक्षाओं का पूरा करने का केन्द्र बनेगी । जिले के प्रभारी मंत्री तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए जबलपुर में नये शाखा भवन के शुभारंभ को सहकारी बैंकों की छवि सुधारने के किये जा रहे प्रयासों की दिशा में शुभ संकेत बताया । उन्होंने कृषि केबिनेट के गठन के जबलपुर में लिये गये फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि संस्कारधानी जबलपुर से कोई भी अच्छे काम की शुरूआत की जाये उसमें सफलता मिलना सुनिश्चित है । श्री बिसेन ने मध्यप्रदेश में बढ़ती कृषि विकास दर का उल्लेख भी अपने संबोधन में किया । उन्होंने कहा कि इससे न केवल पूरा देश प्रभावित है बल्कि इसकी चर्चा आज विदेशों में भी हो रही है । श्री बिसेन ने सहकारिता और कृषि को एक दूसरे का पूरक बताते हुए कहा कि सहकारी बैंकों के माध्यम से आज हम किसानों को 14 हजार करोड़ रूपये का बिना ब्याज के अल्पकालीन ऋण उपलब्ध करा रहे हैं । किसानों को दिये गये क्रेडिट कार्ड का बड़ा हिस्सा भी सहकारी बैंकों का ही है । श्री बिसेन ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 में उच्च कृषि विकास दर को बरकरार रखेगा और पांचवीं बार भी कृषि कर्मण अवार्ड मध्यप्रदेश को ही मिलेगा । किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि 2021 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में मध्यप्रदेश में रोडमेप तैयार कर लिया गया है और ऐसा करने वाला यह प्रदेश देश का पहला राज्य है । श्री बिसेन ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा फसलों को सुरक्षा देने के लिए प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी मध्यप्रदेश में प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में भी मध्यप्रदेश देश का मॉडल राज्य बन गया है । श्री बिसेन ने कहा कि देश की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश ने कृषि उत्पादन बढ़ाने की योजना भी तैयार की है । यह प्रदेश न केवल राज्य की बल्कि देश की भविष्य की खाद्यान्न की जरूरत भी पूरी करेगा और विदेशों में भी आपूर्ति करेगा । किसान कल्याण मंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में सहकारिता के क्षेत्र में आये बदलाव का उल्लेख भी किया । उन्होंने कहा आज लोगों का सहकारी संस्थाओं में विश्वास बढ़ा है । इसकी वजह कांग्रेस के शासनकाल में जो घपले-घोटाले होते थे अब नहीं होते । श्री बिसने ने कहा कि वर्तमान में सहकारी बैंकों की ऋण वसूली में अच्छी प्रगति हुई है । ऋण वसूली का प्रतिशत बढ़ रहा है । उन्होंने कहा कि अच्छी रिकव्हरी होने का लाभ आखिरकार किसानों को ही मिलेगा । श्री बिसेन ने सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली को अत्याधुनिक बनाने की जरूरत बताई । उन्होंने कहा कि काफी काम इस दिशा में हुए हैं और हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों की शाखायें ऑनलाइन जुड़ गई हैं इससे किसानों और उपभोक्ताओं को तत्काल सेवायें मिल रही हैं । श्री बिसेन ने जबलपुर में नये और सर्वसुविधायुक्त भवन में बैंक की शाखा की शुरूआत के लिए शुभकामनाएं भी दी । लोकार्पण समारोह को स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री शरद जैन ने संबोधित करते हुए सहकारी बैंक के नये शाखा भवन को जबलपुर के लिए बड़ी उपलब्धि बताया । उन्होंने किसानों को खुशहाल बनाने में सहकारिता और कृषि विभाग की योजनाओं को अहम बताते हुए कहा कि जबलपुर में नये भवन में सहकारी बैंक की शुरूआत से किसानों और आम खाताधारकों को अधिक सुविधायें मिलेंगी । इस अवसर पर महापौर डॉ. स्वाति गोडबोले ने भी अपने संबोधन में सहकारी बैंक के नये शाखा भवन के शुभारंभ के लिए सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव और किसान कल्याण मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन के प्रति आभार व्यक्त किया । समारोह के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा सहकारी बैंक के नये भवन का शिलापटट का अनावरण किया गया और फीता काटकर इसका लोकार्पण किया गया । समारोह में आमंत्रित अतिथियों का सहकारी बैंक की ओर से शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया । समारोह के समापन पर अतिथियों का आभार राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा ने व्यक्त किया । समारोह का संचालन श्री प्रशांत कौरव ने किया । लोकार्पण समारोह में महिला नागरिक सहकारी बैंक जबलपुर की अध्यक्ष नूतन पाण्डे, जबलपुर कृषि उपज मण्डी समिति के अध्यक्ष राजा बाबू सोनकर, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री शिव पटैल एवं नगर अध्यक्ष जी.एस. ठाकुर, पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष, संभाग के सभी जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष एवं महाप्रबंधक भी मौजूद थे ।

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