बिहार : और मजदूर बनकर आते हैं और मजदूर बनकर ही अवकाश ग्रहण कर जाते - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 21 जून 2016

बिहार : और मजदूर बनकर आते हैं और मजदूर बनकर ही अवकाश ग्रहण कर जाते

lifetime-labour
पटना। पटना नगर निगम कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति दैनिक सफाई मजदूर द्वारा सात सूत्री माँगों को लेकर दिनांक 22 जून 2016 को जी0पी0ओ0 गोलम्बर, निगम आॅफिस, के पास 12 बजे दिन में विशाल सभा का आयोजन किया गया है। इस आशय की जानकारी संयोजक रवि कुमार साह, सचिव रामजतन प्रसाद,महासचिव मंगल पासवान, संरक्षक शंकर राम आदि देते हुए कहा कि हमारी मुख्य माँगे हैं दैनिक सफाई मजदूरों को स्थायी किया जाये। दैनिक सफाई मजदूरों को 30 दिनों का वेतन दिया जाये। दैनिक सफाई मजदूरों को मासिक 12 हजार वेतन किया जाये। दैनिक सफाई मजदूरों को भविष्य निधि दिया जाये। दैनिक सफाई मजदूरों को ग्रुप बीमा योजना से बीमित किया जाये। रात्रि कार्यरत दैनिक सफाई मजदूरों को बैंक के माध्यम से वेतन दिया जाये एवं नियमित वेतन दिया जाये। सफाई मजदूर आयोग का गठन किया जाये।

बताते चले कि दैनिक सफाई मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जाती है। जितने दिन काम करते हैं उतने ही दिनों का मजदूरी दिया जाता है। केवल 26 दिनों का ही मजदूरी दिया जाता है। मजे की बात है कि मजदूर बनकर आते हैं और मजदूर बनकर ही अवकाश ग्रहण कर जाते हैं। जिदंगी भर मजदूर की टगमा लगी रहती है। 

कोई टिप्पणी नहीं: