इस्ट रदरफोर्ड, 27 जून, विश्व के महानतम फुटबालरों में शुमार अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोनल मैसी ने कोपा अमेरिका कप के फाइनल में चिली के हाथों मिली हार के बाद अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने का फैसला लिया है। अर्जेटीना को कोपा अमेरिका कप फाइनल में चिली के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से पराजय का सामना करना पड़ा। फाइनल में हार के तुरंत बाद मैसी ने सनसनीखेज अंदाज में एक इंटरव्यू में घोषणा कर दी कि वह अब अर्जेंटीना टीम का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। हालांकि बार्सिलोना क्लब की तरफ से खेलना जारी रखेंगे। 29 वर्षीय मैसी ने संन्यास की घोषणा के तीन दिन पहले अर्जेंटीना फुटबॉल महासंघ (एएफए) के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
कोपा अमेरिका फाइनल की हार के बाद दुनिया के इस सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी ने कहा “मेरे लिए राष्ट्रीय टीम का सफर पूरा हो गया। मैं जो कर सकता हूं वो मैंने किया। मैं चार फाइनल में पहुंचा और यह दुखद है कि हम चैम्पियन नहीं बन पाए। यह मेरे और मेरी टीम के लिए बहुत ही कठिन क्षण है और यह कहना मुश्किल है लेकिन अर्जेंटीना की टीम के साथ मेरा सफर अब पूरा हो गया।” गत वर्ष की तरह से इस वर्ष भी खिताबी राउंड में पहुंची चिली और अर्जेंटीना की टीमों के बीच कांटे की टक्कर हुई। निर्धारित 90 मिनट तक कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और इसके बाद 30 मिनट के अतिरिक्त समय के बाद भी मुकाबला गोलरहित बराबरी पर छूटा। जिसके बाद विजेता का फैसला पेनल्टी शूटआउट के जरिए हुआ। 82 हजार दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में हुए शूटआउट में स्टार खिलाड़ी मैसी चूक गए। उन्होंने अर्जेंटीना की तरफ से पहली पेनल्टी ली लेकिन वे गेंद को पोस्ट से बाहर मार बैठे। इसके बाद मैसी बेहद ही निराश नजर आए। गोल नहीं कर पाने की कसक मैसी के चेहरे पर साफ दिख रही थी और चूकने के बाद उन्होंने हताशा में अपने चेहरे को जर्सी से ढक लिया।
अपने सुनहरे कॅरियर में पांच बार वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार हासिल कर चुके सुपरस्टार मैसी के लिए यह हार इस मायने में भी बहुत मायूस करने वाली रही कि अर्जेंटीना की कप्तानी करते हुए उनकी टीम को लगातार चार बड़े फाइनल मुकाबलों में हार का मुंह देखना पड़ा। साल 2014 के बाद से अर्जेंटीना को तीसरी बार किसी बड़े फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। अर्जेंटीना को वर्ष 2014 के विश्व कप के फाइनल में जर्मनी ने 1-0 से पराजित किया था और 2015 के कोपा अमेरिका के फाइनल में भी चिली ने मेसी की राष्ट्रीय टीम को पेनल्टी में ही मात दी थी। साल 2007 के कोपा अमेरिका के फाइनल में भी मेसी के रहते अर्जेंटीना को हार का मुंह देखना पड़ा था। कोपा अमेरिका कप टूर्नामेंट में उन्होंने अर्जेंटीना की तरफ सर्वाधिक 55 अंतर्राष्ट्रीय गोल करने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड गैब्रिएल बातिस्तुता के नाम था जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय करियर में अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए 54 गोल किए थे। विश्व के सर्वश्रेष्ठ फुटबालरों में शुमार मैसी को कई मौकों पर अपने देश के प्रशंसकों की आलोचना का सामना करना पड़ा। दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शुमार मैसी को अर्जेंटीना की जर्सी में हार के बाद नियमित तौर पर आलोचना झेलनी पड़ी। राष्ट्रीय टीम के लिए योगदान के मामले में वह अपने ही देश के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की उपलब्धियों को हासिल करने में नाकाम रहे। इस बार भी कोपा अमेरिका कप के शुरू होने से पहले माराडोना ने मैसी की आलोचना करते हुए कहा था कि टीम को रविवार को हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। यदि हम नहीं जीत पाते हैं तो उन्हें वापस नहीं आना चाहिए। स्पेनिश क्लब बार्सिलाेना के स्टार मैसी ने हाल में अपने आलोचकों को जवाब दिया था। उन्होंने कहा,“ मुझे उन लोगों पर खीझ आती है जो बिना सोचे समझे आलोचना करते हैं। हम दो फाइनल में पहुंचे लेकिन जीत नहीं पाए। आप क्या कर सकते हो। लेकिन हम फाइनल में तो पहुंचे। एेसा तो नहीं कि हम अंतिम 16 में हारे।”

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