इलाहाबाद, 13 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिये सात सूत्री मंत्र देते हुए आज कहा कि इनका असर नीति और आचरण दोनों में दिखना चाहिये तभी देश उन पर विश्वास करेगा। भाजपा की दो दिन की कार्यकारिणी के समापन अवसर पर अपने उद्बोधन में श्री मोदी ने एक दार्शनिक अंदाज में कहा कि देश ने विकास का एक अवसर औद्योगिक क्रांति में खो दिया था। इस प्रकार के मौके बार -बार नहीं आते, पर भारत को एक बार फिर यह मौका मिला है। उन्होंने कहा कि अगर हम इस युग का उपयोग कर लें तो आने वाले समय के लिये हम देश को बहुत मज़बूत कर लेंगे।
कार्यकारिणी के समापन के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि श्री मोदी ने पार्टी नेताओं के समक्ष आचरण और नीतियों के लिये सात केन्द्र बिन्दु रखे हैं। वे हैं- सेवा भाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, संवेदना एवं संवाद। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सातों बातों का असर नीतियों और आचरण दोनों में दिखना चाहिये। यही इस कार्यकारिणी की बैठक का संदेश है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इतिहास को बनते हुए देख रहे हैं। करोड़ों लोगों ने दशकों तक जो परिश्रम किया है। उसी का लाभ भाजपा को मिला है। केन्द्र और कई राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। हमें इस सत्ता या ताकत का अनुभव नहीं करना है। बल्कि समाज के लिये उपयोगी कैसे है, ये स्थापित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि नये भौगोलिक क्षेत्रों में भाजपा को ऐतिहासिक विस्तार मिला है। आज देश को मजबूत करने की आवश्यकता है और जनमानस केवल नारों से संतुष्ट नहीं होने वाला है। आचरण से ही उसका विश्वास जीता जा सकता है।

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