नयी दिल्ली 16 जून, सरकार ने देश में नए डीम्ड विश्विद्यालय खोलने के लिए आज नए नियमों की घोषणा कर दी जिसमें पूरी पारदर्शिता बरती जायेगी और छः सात महीने के भीतर उन्हें मंजूरी मिल जायेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने आज शाम डीम्ड विश्विद्यालयों की स्थापना के लिए नए नियमों की घोषणा करते हुए पत्रकारों को बताया कि देश में शिक्षा के विस्तार और गुणवत्ता के लिए डीम्ड विश्विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी देने के किये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एक अधिसूचना जारी करेगा जो पिछली सरकार द्वारा 2010 में बनाये गए नियमों का स्थान लेगा। पिछली सरकार में सात-सात साल तक डीम्ड विश्विद्यालयों के आवेदन लटके होते थे और उन्हें कोई जवाब भी यूजीसी द्वारा नहीं दिया जाता था, लेकिन अब छ:-सात महीने के भीतर उन्हें निबटा लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि डीम्ड विश्वविद्यालय की स्थापना के नए मानदंड के तहत यूजीसी की विशेषज्ञों की टीम जब दौरा करेगी तो उसकी वीडियोग्राफी की जायेगी और उसे 24 घंटे के भीतर यूजीसी की वेबसाइट पर डाल दिया जायेगा ताकि मंजूरी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाये।
श्रीमती ईरानी ने कहा कि नए नियमों के तहत अगर किसी संसथान को नैक द्वारा दो बार ए ग्रेड मिल चुका है और नेशनल रैंकिंग में अगर वह शीर्ष 20 स्थानों में है तो वह डीम्ड विश्वविद्यालय के योग्य माना जायेगा। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र के डीम्ड विश्वविद्यालय शोध एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए विभाग खुद खोल सकेंगे और उन्हें इसके लिए यूजीसी की मंजूरी नहीं लेने होगी। इतना ही नहीं निजी न्यासों एवं संस्थाओं द्वारा संचालित संस्थान डीम्ड विश्वविद्यालय के चांसलर की नियुक्ति खुद कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि डीम्ड विश्वविद्यालयों को नेशनल रैंकिंग प्रणाली में शामिल होना होगा और नो योर काॅलेज पोर्टल के जरिये सारी जानकारी छात्रों को देनी होगी तथा एंटी रैगिंग नियम को लागू करना होगा तथा जाति-धर्म के आधार पर छात्रों के साथ भेदभाव नहीं करना होगा। साथ ही छात्रों की यौन प्रताड़ना नहीं करनी होगी एवं इसे रोकने के लिए आन्तरिक कमिटी बनानी होगी। श्रीमती ईरानी ने यह भी बताया कि डीम्ड विश्विद्यालय काउन्सिलिंग के दौरान छात्रों के दाखिले की पूरी फीस नहीं ले सकते हैं। वे काउंसिलिंग का न्यूनतम चार्ज ले सकते हैं पर वो दस हज़ार से अधिक नहीं होगा। उन्होंने यह भी बताया कि नए मानदंडों के तहत डीम्ड विश्विद्यालयों को 40 प्रतिशत जमीन खुली रखनी होगी और छात्रों तथा शिक्षकों के आवास के लिए भी जमीन निर्धारित करनी होगी तथा परिसर के भीतर चिकित्सा व्यवस्था का भी इंतजाम करना होगा एवं पुस्तकालय प्रयोगशाला के लिए प्रशासनिक भवन एवं अकेडमिक भवन से अधिक जमीन रखनी होगी। उन्होंने बताया कि विदेशों में डीम्ड विश्वविद्यालय के परिसर खोलने के लिए विदेश और गृह मंत्रालय से भी मंजूरी लेनी होगी और ऑफ कैंपस की संख्या अधिकतम छः होगी। उन्होंने बताया कि जो संस्थान सरकार द्वारा पूरी तरह या 50 प्रतिशत भी पोषित हैं उनकी वित्तीय समिति में सरकार या यूजीसी का प्रतिनिधि होगा लेकिन जो पूरी तरह निजी हैं उनमें कोई सरकारी प्रतिनिधि होगा।

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