जिस निशानेबाज काे अोलंपिक से रोका, उसने जीता रजत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 29 जून 2016

जिस निशानेबाज काे अोलंपिक से रोका, उसने जीता रजत

rajput-won-silver
बाकू, 28 जून, रियो ओलंपिक से पहले के छठे और आखिरी आईएसएसएफ विश्वकप में जीतू राय को छोड़कर जहां अन्य भारतीय निशानेबाज फाइनल में पहुंचकर संघर्ष कर रहे थे वहीं संजीव राजपूत ने मंगलवार को 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में रजत पदक जीत लिया। लेकिन यह भारतीय निशानेबाज रियो में नहीं खेल पाएगा क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई)ने उनका अोलंपिक कोटा बदल दिया था। 35 वर्षीय राजपूत के लिये इस विडंबना से कुछ कम नहीं कहा जाएगा कि उन्होंने इस विश्वकप में जीतू राय के बाद भारत को दूसरा रजत पदक दिलाया लेकिन वह रियो में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये मौजूद नहीं रहेंगे। एनआरएआई ने राजपूत के कोटा स्थान को गत मार्च में रियो के लिये घोषित अपनी टीम में ट्रैप निशानेबाज मानवजीत सिंह संधू से बदल दिया था। बाकू विश्वकप में ओलंपिक में जाने वाले सभी भारतीय निशानेबाज उतरे जिनमें जीतू राय ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गत शनिवार को रजत पदक जीता जबकि राजपूत मंगलवार को रजत जीतने में कामयाब रहे। राजपूत ने 456.9 का स्कोर कर रजत हासिल किया और वह स्वर्ण पदक जीतने वाले क्रोएशिया के पीटर गोर्सा (457.5) से मात्र 0.6 अंक पीछे रहे। इस स्पर्धा में उतरे अन्य भारतीय निशानेबाज और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता गगन नारंग क्वालिफाइंग में 1161 के स्कोर के साथ 23वें और चैन सिंह 1159 के स्कोर के साथ 32वें स्थान पर रहे।

राजपूत क्वालिफाइंग में 1167 के स्कोर और सातवें स्थान के साथ आठ निशानेबाजों के फाइनल में पहुंचे। गोर्सा ने क्वालिफाइंग में 1173 का सर्वाधिक स्कोर किया। राजपूत ने क्वालिफाइंग में नीलिंग में 388, प्रोन में 398 और स्टैंडिंग में 381 का स्कोर किया। नारंग ने क्वालिफाइंग में नीलिंग में 391, प्रोन में 394 और स्टैंडिंग में 376 का स्कोर किया जबकि चैन सिंह ने नीलिंग में 387, प्रोन में 393 और स्टैंडिंग में 379 का स्कोर किया। भारतीय निशानेबाज ने फाइनल में नीलिंग में 153.5 और प्रोन में 307.6 का स्कोर किया। स्टैंडिंग एलिमिनेशन में उन्होंने पहली दो सीरीज में 48.2 और 50.7 के स्कोर किये। इसके बाद उन्होंने 8.3 और 9.9 के स्कोर किये जिससे वह चौथे स्थान पर खिसक गये। लेकिन अंतिम तीन सीरीज में राजपूत ने 10.8 , 10.8 और 10.6 के कमाल के स्कोर करते हुये रजत पदक जीत लिया। राजपूत का यह तीसरा विश्वकप पदक है। उन्होंने इसी वर्ग में 2010 में चांगवोन में स्वर्ण पदक और उसी वर्ष सिडनी में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता। स्वर्ण पदक जीतने वाले गोर्सा ने नीलिंग में 154.4 और प्रोन में 308.4 का स्कोर किया। स्टैंडिंग के बाद उनका कुल स्कोर 457.5 रहा। कोरिया के हियोनजुन किम ने 445.5 के स्कोर के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। 

कोई टिप्पणी नहीं: