टेस्ट खिलाड़ी तैयार करना बड़ी चुनौती : कुंबले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 29 जून 2016

टेस्ट खिलाड़ी तैयार करना बड़ी चुनौती : कुंबले

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बेंगलुरू, 29 जून, भारतीय क्रिकेट टीम के लिये अगले 12 महीनों में टेस्ट के लिहाज से कार्यक्रम काफी व्यस्त है और ऐसे में राष्ट्रीय टीम के नवनियुक्त कोच अनिल कुंबले का मानना है कि युवा क्रिकेटरों को इस प्रारूप के लिये तैयार करना ही उनकी सबसे बड़ी चुनौती है। कुुंबले ने भारतीय टीम के कोच का पद संभालने के बाद बुधवार को यहां अपने पहले आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता टेस्ट क्रिकेट को मजबूती देना होगी। उन्होंने कहा“ हमें पहले तो उन खिलाड़ियों की मानसिकता को बदलना होगा जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में काफी ट्वंटी 20 मैच खेले हैं। उन्हें अब लंबे प्रारूप के लिये तैयार करना होगा। मेरी फिलहाल तो यही बड़ी चुनौती है।” कोच कुंबले ने कहा“ मेरे साथ साथ भारतीय टीम पर भी जिम्मेदारी रहेगी कि वह प्रशंसकों को वापिस इस खेल के साथ जोड़ सकें। इस प्रारूप को और रोमांचक बनाना होगा ताकि लोगों की इसमें रूचि वापिस अाये। टीम को हर हाल में प्रशंसकों को वापिस टेस्ट प्रारूप देखने के लिये मजबूर करना होगा।” कुंबले का कोच बनने के बाद वेस्टइंडीज का दौरा पहला प्रभार होगा। उन्होंने कहा“ अगले महीने वेस्टइंडीज का दौरा बड़ी चुनौती होगा और मैं इसके लिये आश्वस्त हूं कि हमारी टीम सीरीज जरूर अपने नाम करेगी।”

कुंबले ने कहा, “वेस्टइंडीज के इस दौरे के लिये हम पूरी तरह तैयार हैं और खिलाड़ियों ने चार मैचों की इस टेस्ट सीरीज के लिये काफी तैयारी है। वेस्टइंडीज के मैदान भारतीय पिचों के समान हैं और धीमे हैं। सीमित ओवरों के फाॅर्मेट में वेस्टइंडीज एक मजबूत टीम है लेकिन मुझे भरोसा है कि हम टेस्ट मैचों में उसे हराने में कामयाब हो सकते हैं। हमारा लक्ष्य इस सीरीज में जीत दर्ज करना है।” टीम इंडिया के कोच ने बताया कि इस दौरे में जाने वाले चार भारतीय खिलाड़ियों ने ही इससे पहले वेस्टइंडीज में टेस्ट मैच खेले हैं और बहुत से खिलाड़ी भारत-ए टीम की ओर से वेस्टइंडीज का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि टीम में प्रतिभावान खिलाड़ी हैं और आगामी दौरे में खुद को साबित करेंगे। 45 वर्षीय कुंबले ने कहा, “जब आखिरी बार टीम इंडिया वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली थी, तब इशांत शर्मा प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे और उन्होंने गजब का गेंदबाजी प्रदर्शन किया था। मुरली विजय ने भी कमाल दिखाया था जबकि धुरंधर विराट कोहली टीम की अहम कड़ी रहे थे। लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया था। हम आत्मविश्वास से लबरेज़ हैं।” 

भारतीय कोच ने कहा, “यदि मौसम साफ रहे तो हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा नेट अभ्यास करने की है। हम तीन जुलाई को अलुर मैदान पर एक मैच भी खेल सकते हैं ताकि खिलाड़ियों को परिस्थितियों का पता चल सके।” विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम बेंगलुरु में छह दिवसीय अभ्यास शिविर में हिस्सा लेगी लेकिन बारिश के कारण बुधवार को खिलाड़ियों को इंडोर अभ्यास करना पड़ा।” कुंबले ने कहा कि वह टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों के लिये खुद अभ्यास शिविर आयोजित करेंगे क्योंकि भारत के पास फिलहाल कोई तेज गेंदबाजी कोच नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि आने वाले पांच से छह दिन अभ्यास शिविर में खिलाड़ियों के साथ भी बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि करीब आठ साल बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम में लौटने से काफी अच्छा लग रहा है और जिस तरह खिलाड़ियों और अन्य लोगों ने उनका स्वागत किया है, वह उससे अभिभूत हैं। उन्होंने कहा, “जिस तरह खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया मिली, मैं उससे अभिभूत हूं। मैंने वनडे और ट्वंटी-20 कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी से फोन पर लंबी बात की थी, जब वह जिम्बाब्वे दौरे से लौटे थे और टेस्ट कप्तान विराट कोहली से भी काफी देर बात की। मैं टीम के दोनों कप्तानों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हूं।” पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा, “क्रिकेट में टीम का कप्तान मास्टर होता है और कोच पीछे से काम करता है। मैं भरोसा दिलाता हूं कि भारतीय टीम में भी यही रहेगा और कप्तानों को पूरा समर्थन मिलेगा। चाहे हम जीतें या हारें, लेकिन मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि खिलाड़ियों में खेलने की क्षमता अक्षुण्ण है।” 

भारतीय टीम का कप्तान देरी से बनने के सवाल पर कुंबले ने कहा कि वह अपनी गेंदबाजी के कप्तान थे। उन्होंने कहा कि वह अपने अनुभव का प्रयोग टीम के कप्तान के तौर पर करेंगे और एक खिलाड़ी के तौर पर मौजूदा टीम की प्रतिभा को आैर धार देंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा टीम युवा और बेहतर है। कुंबले ने कहा, “जिस टीम के साथ मैं खेलता था, उसमें और मौजूदा टीम में फील्डिंग प्रतिभा को लेकर काफी बदलाव हैं। इस टीम में औसतन 24-25 साल की उम्र के खिलाड़ी हैं और काफी हुनरमंद हैं, खासतौर से फील्डिंग में। मुझे भरोसा है कि वे अपने अॉलराउंड हुनर को और विकसित करेंगे तथा बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों ही क्षेत्रों में कमाल करेंगे।” उन्होंने कहा, “युवा खिलाड़ियों ने कम उम्र में ही बहुत कुछ हासिल किया है। विराट कोहली ने 40 टेस्ट मैच खेले हैं जबकि इशांत शर्मा ने 60 और कम उम्र में ही खुद को साबित किया है। मैं आईपीएल में युवा खिलाड़ियों के साथ करीबी से काम कर चुका हूं अौर उन्हें दबाव की परिस्थितियों में भी हालात समझने का अभ्यास कराने के लिये तैयार हूं।” 

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