जब सुशील को दी गयी थी संन्यास की सलाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 जून 2016

जब सुशील को दी गयी थी संन्यास की सलाह

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नयी दिल्ली, 26 जून, लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाले देश के एकमात्र खिलाड़ी पहलवान सुशील कुमार इस बार रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पायेंगे जिससे उनका लगातार तीन ओलंपिक में पदक जीतने का सपना टूट गया है लेकिन यह भी एक दिलचस्प तथ्य है कि 2008 बीजिंग आेलंपिक में जब उन्होंने कांस्य पदक जीता था तो उसके बाद उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी गई थी। लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता पहलवान सुशील ने पत्रकार दिग्विजय सिंह देव और अमित बोस द्वारा लिखी गयी किताब ‘माई आेलंपिक जर्नी’ में यह बात कही है। सुशील कंधे की चोट के कारण गत वर्ष विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाये थे जहां महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह यादव ने 74 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर रियो ओलंपिक के लिये कोटा हासिल किया था। सुशील ने नरसिंह के साथ ट्रायल कराने की मांग की थी लेकिन कुश्ती महासंघ ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था। सुशील फिर अपनी मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय भी गये लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इस विवाद के बाद अब इस किताब में यह दिलचस्प खुलासा हुआ है कि सुशील को बीजिंग के बाद संन्यास लेने की सलाह दी गयी थी। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान ने किताब में कहा,“ मैं बीजिंग आेलंपिक के बाद वापिस भारत आ गया और मेरे समर्थकों ने शीर्ष पर रहते हुए संन्यास लेने की सलाह दी। मैं दुविधा में पड़ गया। इतने वर्षों के बाद मुझे आखिरकार महसूस हुआ कि आेलंपिक पदकधारी होने का क्या मतलब है और उस लक्ष्य को हासिल करने के लिये किस चीज की जरूरत होती है।”

पहलवान सुशील ने ‘माई आेलंपिक जर्नी’ नामक किताब में कहा कि उन्होंने बीजिंग आेलंपिक के बाद संन्यास लेने के सुझावों के बावजूद खेलना जारी रखा क्योंकि उन्हें पता था कि यह ‘शुरूआत है, अंत नहीं। आखिरकार चार साल बाद 2012 लंदन आेलंपिक में वह अपने पदक का रंग बदलने में सफल रहे और दो आेलंपिक में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय बने। 33 वर्षीय पहलवान ने कहा,“ आेलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद ही मैंने कुश्ती की बारीकियों पर पकड़ बनायी, जैसे कि किस तरह प्रतिद्वंद्वी को पकड़ऩा है, अलग अलग फाइट में विभिन्न तरह की तकनीक और रणनीतियां। यह शुरूआत है, अंत नहीं।” सुशील बेशक रियो ओलंपिक में नहीं उतर पायेंगे लेकिन उनका अभी संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है। सुशील ने बीजिंग और लंदन ओलंपिक के बीच 2010 की मास्को विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 2014 में हुये ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता। उन्हें कल भारतीय स्कूल खेल महासंघ के चुनावों में नया अध्यक्ष चुना गया। 

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