पटना 09 जुलाई, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज आरोप लगाया कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार मुसलमानों के साथ ही दलित विरोधी है और अपने गुरू गोलवलकर के बताये हुए मार्गो पर चलते हुए देश के संविधान को बदलने में लगी है । श्री यादव ने यहां एक समारोह में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुख्य इकाई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की मंशा बहुत ही खतरनाक है । भाजपा मौजूदा संसद को संविधान सभा में बदलकर देश का नया संविधान लिखवाना चाहती है । उन्होंने कहा कि आरएसएस ने कभी भी देश के संविधान को स्वीकार नहीं किया है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि जिस समय देश का संविधान , संविधान सभा में पेश हुआ था उसी समय गुरू गोलवलकर ने कहा था कि यह संविधान विदेशी संविधानों का नकल है । गुरू गोलवलकर के अपनी पुस्तक बंच ऑफ थौट्स में इसका उल्लेख किया है । उन्होंने कहा कि बंच ऑफ थौट्स में मुसलमानों और दलितों के खिलाफ बात कही गयी है ।
श्री यादव ने कहा कि आरएसएस शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ है । साम्प्रदायिक शक्तियां आज देश के संविधान को ही समाप्त करने की कोशिश में लगी हुयी है । आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हो या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनके गुरू गोलवलकर ही रहे हैं । उन्होंने कहा कि आरएसएस हो या भाजपा वे देश के संविधान को मानने वाले नही ,बल्कि मनुस्मृति को पंसद करने वाले हैं । राजद अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी शक्तियों के खिलाफ अंतिम दम तक संघर्ष करेगी । उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि चुनाव से पहले श्री मोदी कहा करते थे कि पाकिस्तान की ईट से ईट बजा देंगे लेकिन अब वह इसे भूल गये हैं । श्री यादव ने केन्द्र के मंत्रियों को चापलूस करार दिया और कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बाद श्री मोदी को पहला प्रधानमंत्री बताया है ,जिन्होंने देश के लोगों की सोच बदली है । उन्होंने जाकिर नाईक के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि गृह मंत्रालय जांच कर रहा है तथा उनकी पीसी टीवी बंद हो गयी है ।

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