नयी दिल्ली 29 जुलाई, देश के सबसे बडे वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक में उसके पाचं अनुषंगी बैंकों के विलय समेत प्रस्तावित बैंकिंग सुधारों के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के आह्वान पर आयोजित बैंककर्मियों की एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण आज पूरे देश में बैंकिंग गतिविधियाँ ठप्प रहीं जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ। ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉइज एसोसिएशन के महासचिव सी.एच.वेंकटचलम ने यूनीवार्ता को बताया कि इस हड़ताल में देश भर के 80 हजार शाखाओं के आठ लाख से अधिक बैंककर्मियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ पाँच सहयोगी कंपनियों के विलय तथा आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के विरोध में है। इससे चेक निस्तारण, नकद जमा एवं निकासी आदि जैसे कामकाज प्रभावित हुए। उद्योग संगठन एसोचैम ने हड़ताल से बैंकों में 12 हजार करोड़ रुपये से लेकर 15 हजार करोड़ रुपये तक के लेनदेन प्रभावित होने का अनुमान जताते हुये कहा कि पीएसबी के संचालन को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के प्रयास समय की माँग है। सरकार के बैंकिंग सुधार को गति देने और देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक में उसके अनुषंगी बैंकों के विलय की घोषणा के विरोध में यूएफबीयू की एक दिन की हड़ताल से बैंकों में चेक क्लियरेंस, जमा और निकासी जैसे काम प्रभावित हुये हैं। श्री वेंकटचलम ने कहा, “इस हड़ताल में सार्वजनिक बैंकों समेत पुराने निजी बैंक तथा विदेशी बैंकों की 80 हजार शाखाओं ने भाग लिया। हम आईडीबीआई बैंक के निजीकरण तथा एसबीआई में उसके सहायक बैंकों के विलय की कोशिशों के खिलाफ हड़ताल पर थे।” हड़ताल के कारण देश के विभिन्न राज्यों एवं शहरों में बैंकिंग कामकाज ठप्प पड़ने की भी सूचना है। मध्यप्रदेश में पांच हजार से अधिक शाखाओं के लगभग चालीस हजार अधिकारियों एवं बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। इस हड़ताल के कारण राज्य में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान जताया गया है।
शुक्रवार, 29 जुलाई 2016
ठप्प रही बैंकिंग गतिविधियाँ, करोड़ों का नुकसान
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