पटना, 06 जुलाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल ने पूर्व न्यायाधीष न्यायमूर्ति काॅ. अली अहमद के निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। साथ ही उनके शोक संतप्त परिवार और उनके अभिन्न मित्रों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दुख की इस धड़ी में उनके साथ होने की बात की है। करीब 86 साल की उम्र में आज सुबह उनका निधन हो गया। अली अहमद साहब सिर्फ न्यायाधीष ही नहीं थे बल्कि वे समाजसेवी, अधिवक्ता, संवेदनषील और परोपकारी थे। इंसानियत उनमें कूट-कूट कर भरी थी। वे किसानों, मजदूरांे गरीबों के हिमायती थे। उनकी हर संभव कोषिष होती थी कि गरीबों, मिहनतकषों को आसानी से न्याय मिल सके। अली साहब अपने युवा अवस्था में ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ गये थे। वे भाकपा की राज्य परिषद के सदस्य रह चुके थे। वे नालंदा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर 1967 में चुनाव भी लड़े थे। उन्होंने कम्युनिस्ट आंदोलन को एक ऊंचाई प्रदान की साथ ही दुनिया में चल रहे मैत्री शांति आंदोलन के देष में एक मजबूत स्तंभ थे। न्यायाधीष होने के बावजूद मैत्री शांति आंदोलन, इस्कस, ऐप्सो से जुड़कर निर्भीकतापूर्वक कार्य करते रहे।
यहां जारी प्रेस बयान में राज्य सचिवमंडल ने कहा कि अली अहमद ने समाज के यथास्थितिवाद, संप्रदायवाद और हर प्रकार के शोषण के खिलाफ चलने वाले संघर्षों में षिरकत किया। जहां गलत लगा उसका विरोध करने में नहीं चूके। उनका संपूर्ण संघर्षमय जीवन इंसानियत, समानता, न्याय, को समर्पित रहा वह पैसे की परवाह किये बगैर गरीबों को न्याय दिलाने के लिए तत्पर रहते थे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उन्हें अपने एक साथी, सहयोगी, मार्गदर्षक के रूप में सम्मान देती रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि उनके निधन से आम जन, मेहनतकष और वामपंथी आंदोलन को भारी क्षति हुई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पूर्व न्यायधीष अली अहमद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आखरी लाल सलाम पेष करती है।

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