मुंबई 03 जुलाई, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 जून को समाप्त सप्ताह में 3.03 अरब डॉलर घटकर चार सप्ताह के निचले स्तर 360.80 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पहले 17 जून को समाप्त सप्ताह में यह 363.83 अरब डॉलर रहा था। यह विदेशी मुद्रा भंडार की 17 सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट है। कारोबारियों का कहना है कि ब्रिटेन में यूरोपीय संघ छोड़ने या उसमें बने रहने के मुद्दे पर कराये गये जनमत संग्रह के 24 जून को आये परिणाम के बाद रुपये में अचानक आई तेज गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वाणिज्यिक बैंकों के जरिये बड़ी मात्रा में डॉलर की बिकवाली की। इससे विदेशी मुद्रा भंडार इतना गिरा है। ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद दुनिया के तमाम शेयर एवं मुद्रा बाजारों में कोहराम मच गया। उस दिन रुपया 63 पैसे नीचे 67.88 रुपये प्रति डाॅलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में ही 96 पैसे लुढ़ककर 67.21 रुपये प्रति डॉलर तक उतर गया। इसके बाद आरबीआई के बाजार में डॉलर झोंकने से रुपये ने वापसी की और 68 रुपये प्रति डॉलर से ऊपर 67.96 रुपये प्रति डॉलर पर बंद होने में कामयाब रहा। आरबीआई के आँकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 2.99 अरब डॉलर की गिरावट आई और सप्ताहांत पर यह 336.58 अरब डॉलर रह गया। स्वर्ण भंडार 20.33 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास सुरक्षित निधि 2.16 करोड़ डॉलर तथा विशेष आहरण अधिकार 1.34 करोड़ डॉलर घटकर क्रमश: 2.40 अरब डॉलर तथा 1.49 अरब डॉलर पर आ गया।
रविवार, 3 जुलाई 2016
विदेशी मुद्रा भंडार 3.03 अरब डॉलर घटा
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