नयी दिल्ली, 03 जुलाई, किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे तमाम उपायों के बावजूद देश में प्रत्येक कृषक परिवार पर औसतन लगभग 47000 रुपये का कर्ज होने का अनुमान है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा वर्ष 2013 में किये गये स्थिति आंकलन सर्वेक्षण (एसएएस) के अनुसार जिस दिन किसान परिवारों पर कर्ज के आंकड़े लिये गए थे, उस दिन प्रत्येक कृषक परिवार पर औसतन लगभग 47000 रुपये कर्ज होने का अनुमान लगाया गया है। इस रिण में संस्थागत संस्थानों तथा सेठ-साहूकारों से लिये गए कर्ज भी शामिल है । सर्वेक्षण के दौरान ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 52 प्रतिशत किसान परिवारों के कर्ज के बोझ में दबे होने का अनुमान लगाया गया। कम जोत के किसान परिवार पर कम कर्ज का भार है जबकि बड़े किसान परिवारों पर अधिक कर्ज है। कम जमीन वाले 41.9 प्रतिशत किसानों पर कर्ज हैं जबकि दस हेक्टेयर से अधिक जमीन वाले 78.7 प्रतिशत किसान परिवार कर्जदार हैं। एक हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसान परिवार पर औसतन 31100 रूपये का ऋण है जबकि दस हेक्टेयर से अधिक जमीन जोतने वाले किसान परिवार लगभग 290300 रूपये के कर्जदार हैं । एक हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों ने संस्थागत संस्थानों अर्थात सरकार, सहकारिता समितियों और बैंकों से 15 प्रतिशत कर्ज लिया है जबकि दस हेक्टेयर से अधिक जमीन रखने वाले किसानों ने इन संस्थानों से 79 प्रतिशत कर्ज लिया है ।
राष्ट्रीय स्तर पर किसानों ने 60 प्रतिशत ऋण संस्थागत संस्थानों से लिया है। बैंकों ने 42.9 प्रतिशत ऋण दिया है जबकि सहकारिता समितियों ने 14.8 प्रतिशत तथा सरकार ने 2.1 प्रतिशत ऋण दिया हुआ है। गैर संस्थागत संस्थानों या सेठ-साहूकारों ने 25.8 प्रतिशत कर्ज किसानों को दिया है । वर्ष 2013 में किये गये सर्वेक्षण (एसएएस) में देश में नौ करोड़ दो लाख किसान परिवार होने का अनुमान लगाया गया है। लगभग 69 प्रतिशत कृषक परिवारों के पास एक हेक्टेयर से कम जमीन है। केवल 0.4 प्रतिशत किसान परिवारों के पास दस हेक्टेयर या इससे अधिक जमीन है ।
सर्वेक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर 0.1 प्रतिशत किसान परिवार भूमिहीन पाये गये जबकि 6.7 प्रतिशत परिवारों के पास केवल मकान की ही जमीन थी। कुल 92.6 प्रतिशत किसान परिवारों के पास मकान के अलावा कुछ जमीनें है।

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