नयी दिल्ली 06 जुलाई, सरकार ने नया वित्त वर्ष तय करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एक समिति बनाई है। वित्त मंत्रालय ने आज बताया कि डाॅ. आचार्य के अलावा पूर्व मंत्रिमंडल सचिव के.एम. चंद्रशेखर, तमिलनाडु के पूर्व वित्त सचिव पी.वी. राजारमन तथा सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के वरिष्ठ फेलो डॉ. राजीव कुमार समिति के सदस्य होंगे। समिति दुनिया के अन्य देशों की तरह कैलेंडर वर्ष को ही वित्त वर्ष के रूप में अपनाने के फायदे और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बतायेगी। वह 01 अप्रैल से 31 मार्च के मौजूदा वित्त वर्ष के फायदों और नुकसान के बारे में भी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति इस साल 31 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वह रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी संबद्ध पक्षों से तथा पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार कैलेंडर वर्ष को ही वित्त वर्ष के रूप में अपनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है ताकि अन्य देशों के साथ व्यापार तथा सौदों संबंधी समझौतों तथा वित्तीय आँकड़े आदि साझा करने में होने वाली दिक्कतें दूर की जा सकें।
बुधवार, 6 जुलाई 2016
नये वित्त वर्ष तय करने के लिए समिति गठित
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