संसद की बैठकों में कमी चिन्ता का विषय: अंसारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 31 जुलाई 2016

संसद की बैठकों में कमी चिन्ता का विषय: अंसारी

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नयी दिल्ली 30 जुलाई, राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने संसद की बैठकों की संख्या घटने पर चिन्ता व्यक्त करते हुये आज कहा कि सदन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा, विधायी तथा अन्य कामकाज निपटाने के लिये समय प्रबंधन जरूरी है। श्री अंसारी ने यहां राज्यसभा के नये सदस्यों के लिए विषय बोध कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुये कहा कि पहले एक साल में 110 दिन तक संसद की कार्यवाही चलती थी जो अब घटकर लगभग 70 दिन हो गई है । संसद की बैठकों में एक चौथाई कमी के कारण तमाम कामकाज को निपटाने के लिये समय प्रबंधन जरूरी हो गया है । उन्होंने कहा कि किसी मुद्दे पर उत्तेजना में सदस्यों का सदन के बीच में आना उचित नहीं है । सदस्य यदि किसी बात से संतुष्ट नहीं हैं तो प्रतीकात्मक रूप से वे वाकआउट कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि शून्यकाल या प्रश्नोत्तर काल के दौरान सदस्य या सदस्यों के सदन के बीच में आने से कामकाज बाधित होता है और दूसरे सदस्य जो विषय रखना चाहते हैं वे भी इससे वंचित रह जाते हैं। सभापति ने कहा कि प्रश्न पूछने के पूर्व सदस्यों का संबंधित विषय पर भूमिका बनाने के लिये भाषण देना उचित नहीं हैं । प्रश्न को लेकर सदस्यों को पूरी तैयारी के साथ आना चाहिये और मंत्रियों को “बाध्य” करना चाहिये। पूरक प्रश्नों के लिये भी तैयारी की जरूरत है ताकि मंत्री जो उत्तर देते हैं और उनसे जो नई बात सामने आती हैं,उस पर त्वरित पूरक प्रश्न पूछे जायें । शून्य काल के दौरान ज्वलंत मुद्दों पर सदस्यों को तीन मिनट के अंदर ही अपनी बात रखनी होती है और उन्हें इस समय अपनी बात प्रभावशाली ढंग से रखने की कोशिश करनी चाहिए।

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