नयी दिल्ली,12 जुलाई, दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में पटियाला हाउस अदालत के उस फैसले को दरकिनार करते हुए आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत दी,जिसमें अदालत ने कांग्रेस से वित्त वर्ष 2010-11 की अपनी बैलेंस शीट और वित्त मंत्रालय एवं काॅरपोरेट मामलों के मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज तलब किये थे। न्यायमूर्ति पी एस तेजी ने कहा, “निचली अदालत के आदेश को निरस्त किया जाता है।’’ उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के संबंधित आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेताओं की ओर से दायर अपील पर गत 18 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। निचली अदालत ने न केवल कांग्रेस से 2010-11 की बैलेंस शीट तलब की थी, बल्कि वित्त मंत्रालय एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज भी तलब किये थे।
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पार्टी अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन प्राइेवट लिमिटेड पर धोखाधड़ी और कोष के दुरुपयोग आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस अदालत में याचिका दायर की है। हालांकि सभी आरोपियों ने डाॅ. स्वामी के आरोपों को गलत करार दिया है। पटियाला हाउस अदालत ने गत वर्ष 26 जून को दोनों कांग्रेसी नेताओं को समन जारी किया था। डॉ. स्वामी का आरोप है कि श्रीमती गांधी एवं उनके पुत्र की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाली कंपनी यंग इंडिया लि.ने नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को गलत तरीके से अधिग्रहीत किया था। इस अादेश को बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी।

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