दरभंगा 01 जुलाई, बिहार के बडे़ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में से एक दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में प्रदेश का पहला स्पेशल न्यू बार्न केयर सेंटर आज से शुरू हो गया। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में करीब एक करोड़ की लागत से बने 20 शय्या वाले ‘स्पेशल नियोनोटिकल केयर यूनिट एवं ट्रेनिंग सेन्टर’ का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त आर.के. खंडेलवाल ने कहा कि बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए चिकित्सकों के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी प्रयास जरूरी है। उन्होंने चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे 2030 तक बाल मृत्यु दर को एक प्रतिशत में लाने के सरकार के संकल्प को पूरा करें।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि बाल मृत्यु दर चिंताजनक है जिसे रोकना जरूरी है। यह केन्द्र अपने उद्देश्य में सफल होगा तब ही मिथिलांचल के क्षेत्र में बाल मृत्यु दर में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण स्तर पर भी आम लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सक बाल मृत्यु दर कम करने में अपनी अहम भूमिका निभा सकतें है। वहीं सेंटर के नोडल अधिकारी डा0 ओम प्रकाश ने कहा कि बाल मृत्यु दर रोकना बड़ी चुनौती है। उन्होंने बाल मृत्यु दर की चर्चा करते हुए कहा कि कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर 1000 नवजात बच्चों में 41 बच्चे अपना पहला जन्म दिन नहीं मना पाते वहीं 28 बच्चों की पहले माह में ही मृत्यु हो जाती है। इनमें 50 प्रतिशत बच्चों की मौत जन्म के पहले सप्ताह में ही हो जाती है जिनमें 20 प्रतिशत जन्म के पहले दो धंटों के भीतर ही मौत होती है। एैसे में चिकित्सकों को बच्चों के जन्म के समय ही सावधानीपूर्वक इलाज करना जरूरी है। जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह , दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा0 आर के सिन्हा , अस्पताल अधीक्षक डा0 संतोष कुमार मिश्रा, विभागाध्यक्ष डा0 के0 एन मिश्रा एवं डा0 रिजवान हैदर ने भी समारोह को संबोधित किया।

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