पटना 01 जून, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां अपने गठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता श्री लालू प्रसाद यादव के दबाव में हैं तो वहीं पुलिस अपराधियों के दबाव में काम कर रही है। भाजपा विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि राजद अध्यक्ष श्री यादव के दबाव के कारण ही भागलपुर जेल में बंद राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को इलाज के बहाने नयी दिल्ली स्थित भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स ) में स्थानांतरित किया गया है । पूर्व सांसद अब वातानुकूलित अस्पताल में आराम से रह कर दरबार लगा सकेंगे । श्री मोदी ने कहा कि वहीं दूसरी ओर पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के मामले में शक के दायरे में आने के बावजूद अब तक राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से पुलिस पूछताछ की हिम्मत नहीं जुटा पाई है । उन्होंने कहा कि पत्रकार हत्याकांड में पूर्व सांसद के कई करीबियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में पूर्व सांसद की स्पाइन की सर्जरी हुई थी। पिछले 10 साल तक सीवान जेल में रहने के दौरान उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई, क्योंकि वहां जेल प्रशासन की ओर से न केवल मनमानी करने की, बल्कि जनता दरबार लगाने और चुनाव अभियान चलाने तक की खुली छुट मिली हुई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व सासंद के सीवान से भागलपुर जेल स्थानांतरित होने के एक माह के अंदर ही उनकी पीठ का दर्द का इतना कैसे बढ़ गया कि दिल्ली एम्स भेजने की नौबत आ गई। श्री मोदी ने कहा कि पूर्व सांसद का पटना में इलाज नहीं हो सकता था, जहां एक से एक बेहतर अस्पताल है । सच्चाई यह है कि पूर्व सांसद राजद के नीति निर्धारक मंडल के सदस्य है। उन्होंने कहा कि पत्रकार हत्याकांड में मोहम्मद शहाबुद्दीन की संदेहास्पद भूमिका एवं जेल में जनता दरबार लगाने की खबर के उजागर होने के बाद लोगों के दबाव में उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित करने के लिए सरकार को बाध्य होना पड़ा था। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमार चाहे जितनी सफाई दें कि वह किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें राजद अध्यक्ष श्री यादव के दबाव में ही मोहम्मद शहाबुद्दीन को दिल्ली एम्स स्थानांतरित करने का निर्णय लेना पड़ा है। दूसरी ओर बिहार पुलिस भी अपराधियों के दबाव में काम रही है। उन्होंने कहा कि पत्रकार राजदेव हत्याकांड में मोहम्मद शहाबुद्दीन के कई करीबियों की गिरफ्तारी हुई , लेकिन संदेहास्पद भूमिका के बावजूद पुलिस आज तक उनसे पूछताछ की हिम्मत भी नहीं जुटा पाई है।

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