ऑफसेट नीति से रक्षा क्षेत्र में आयेगी मजबूती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 7 जुलाई 2016

ऑफसेट नीति से रक्षा क्षेत्र में आयेगी मजबूती

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बेंगलुरु,07 जुलाई, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अाज विश्वास जताया की सरकार की ऑफ सेट नीति से भारतीय उद्योगों को अगले 10 वर्षों में 12 से 15 अरब डाॅलर का फायदा हाेगा । श्री पर्रिकर ने ईएलसीआईएनए के सातवें सामरिक इलेक्ट्रॉनिक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर कहा कि सरकार ने जो नयी रक्षा खरीद नीति बनायी है उससे निजी क्षेत्र को भी फायदा होगा क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को उत्पादकता बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक काम निजी क्षेत्र को आउटसोर्स करने को कहा गया है। रक्षा मंत्री कहा कि पिछले दो वर्षों में उनके मंत्रालय की ओर से किए गए प्रयासों का नतीजा सामने अाने लगा है और रक्षा क्षेत्र में आपूर्ति करने वाले छोटे और मध्यम उद्योगों ने पिछले वर्ष 52 हजार करोड़ रुपये का व्यापार किया है जो 2014 में 42 हजार करोड़ रुपये था। रक्षा खरीद के क्षेत्र में 2014 में इन उद्योगों की हिस्सेदारी चार प्रतिशत थी जो पिछले वर्ष बढ़कर का नौ फीसदी हो गयी । उन्होंने कहा“इस वर्ष हमारा लक्ष्य इसे 15 फीसदी तक ले जाने का है”। श्री पार्रिकर ने कहा कि वह चाहते है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम निजी क्षेत्र के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म बनें जहां दोनों मिल कर काम कर सकें। उन्होंने कहा“हमने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और आयुध कारखानों के लिए एक अनुकूल माहौल बनाया है।”

श्री पर्रिकर ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि रक्षा खरीद में हुए घोटाले के कारण नयी खरीद में अत्याधिक देरी हुई है। उन्होंने कहा“मेरे लिए यह काफी परेशानी का सबब है कि कुछ घोटालों के कारण रक्षा खरीद की प्रकिया को काफी कड़ा कर दिया गया है जिससे खरीद प्रभावित हो रही है। खरीद के वास्ते भेजे गये‘प्रस्तावों’में बार-बार बदलाव करने के लिये दबाव बनाया गया जिससे किसी एक विक्रेता कंपनी को फायदा हो।” रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने रक्षा खरीद एजेंसियों को निर्देश दिया है कि प्रक्रिया को बदलने की स्थिति से गुजरने के बाद भी पारदर्शी बने रहें। उन्होंने कहा“आप एक दिन ‘प्रस्तावों’को परिपूर्ण नहीं बना सकते। ” उन्होंने कहा कि मंत्रालय में‘सभी का सम्मान और सभी पर संदेह’की स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिसमें बदलाव की जरुरत है। उन्होंने कहा“पिछले दो वर्षों में इस मानसिकता को बदलने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं।” श्री पार्रिकर रक्षा क्षेत्र में आयात को कम करने के लिये‘मेक इन इंडिया’कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर उत्सुक दिखे। उन्होंने निजी क्षेत्र को भरोसा दिलाया कि रक्षा उत्पादन में उनकी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयास कर रही है। 

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