मुंबई 05 जुलाई, नये ऑर्डरों में बेहद सुस्त बढ़ोतरी से देश के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बड़ा योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र की रफ्तार जून में घटकर एक साल के दूसरे निचले स्तर पर आ गई। निक्केई द्वारा आज यहाँ जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में पीएमआई मई के 51 से घटकर 50.3 पर रह गया। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि, इससे नीचे रहना ह्रास तथा 50 पर रहना स्थिरता को दर्शाता है। नये ऑर्डरों की वृद्धि दर 11 महीने के निचले स्तर पर रही। प्रतिस्पर्द्धी दबाव में कंपनियाँ नये ऑर्डर प्राप्त करने में पीछे रह गईं। पिछले पाँच महीने में यह पहली बार है जब सेवा कंपनियों का लंबित काम बढ़ा है। हालाँकि, यह बढ़ोतरी बेहद कम रही है।
चीन का सेवा क्षेत्र का सूचकांक मई के 51.2 से बढ़कर जून में 52.7 पर पहुँच गया जो 11 महीने की सबसे तेज वृद्धि को दर्शाता है। भारतीय कंपनियों ने बताया कि सेवा क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर पैदा हुये हैं1 हालाँकि, सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली सिर्फ 01 प्रतिशत कंपनियों ने शुद्ध रूप से भर्ती की है। पेट्रोल तथा सब्जियों की कीमतें बढ़ने से लगातार नवें महीने जून में सेवा क्षेत्र की लागत बढ़ी है। कंपनियों ने इसका बोझ ग्राहकों पर डालते हुये उत्पाद मूल्यों में भी बढ़ोतरी की है। रिपोर्ट तैयार करने वाली कंपनी मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा “जून में भारतीय सेवा क्षेत्र के विकास की रफ्तार लगातार तीसरे महीने मंद पड़ी है। भविष्य के बारे में कंपनियों की उम्मीद का ग्राफ भी गिरा है। यह फरवरी के बाद के निचले स्तर पर आ गया है। इससे आर्थिक विकास के टिकाव को लेकर चिंता पैदा हो गई है।”

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