- जिला पुलिस, एसएसबी व झारखण्ड जगुआर की संयुक्त पुलिस टीम ने सब जोनल एरिया कमाण्डर गिरफ्तार
पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार सहित अन्य पुलिसकर्मियों की काठीकुण्ड क्षेत्र में हत्या, लोकसभा चुनाव 2016 में दुमका के प्रखण्ड शिकारीपाड़ा के ग्राम सरसाजोल से मतदान कराकर वापस लौट रहे पोलिंग पार्टी सहित पुलिस कर्मियांे की लैंण्ड माइन्स लगाकर की गई जघन्य हत्या तथा पेेनम कोल माइन्स क्षेत्र में सिस्टर बालसा हत्याकांड में शामिल प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के हार्डकोर उग्रवादी व सब जोनल कमाण्डर एतबारी हेम्ब्रंम उर्फ टिम्पू उर्फ टिम्पू सोरेन उर्फ नरेश दा सहित कुल सात को पुलिस ने धर-दबोचा।
डीआईजी संपप्र, दुमका प्रिया दूबे के कार्यकाल में 02 जुलाई 2013 को डीआईजी की मीटिंग से वापस पाकुड़ लौट रहे पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार सहित अन्य पुलिसकर्मियों की काठीकुण्ड क्षेत्र में हत्या व लोकसभा चुनाव 2016 में उप राजधानी दुमका के प्रखण्ड शिकारीपाड़ा के ग्राम सरसाजोल से मतदान कराकर वापस लौट रहे पोलिंग पार्टी सहित पुलिस कर्मियांे की लैंण्ड माइन्स लगाकर की गई जघन्य हत्या व शामिल अभियुक्त व प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के हार्डकोर उग्रवादी व सब जोनल कमाण्डर एतबारी हेम्ब्रंम उर्फ टिम्पू उर्फ टिम्पू सोरेन उर्फ नरेश दा को जिला पुलिस, एसएसबी व झारखंड जगुआर की संयुक्त पुलिस टीम ने दिन गुरुवार को धर-दबोच लिया। दिन शुक्रवार (29.07.2016) की दोपहर पुलिस अधीक्षक कार्या0 में घटनाक्रम की जानकारी देते हुए जिले के एसपी प्रभात कुमार ने कहा दुमका व गोड्डा में महत्वपूर्ण व जघन्य घटनाओं को अंजाम देने वाले एतबारी हेम्ब््राम उर्फ टिम्पू सोरेन की सूचना व निशानदेही पर दस्ते के अन्य सदस्यों यथा-दीपक देहरी, मधवा देहरी, शिवानी दी, मोती लाल देहरी, सुमन्ती देहरी, सोनू देहरी (पाकुड़ पेेनम कोल माइन्स प्रबन्धन के लिये काम कर रही सिस्टर बालसा हत्याकांड मंे शामिल) को भी गिरफतार कर लिया गया है। इस प्रकार कुल सात नक्सलियों की गिरफतारी की गई जिसमें दो हार्डकोर महिला उग्रवादी भी शामिल हैं। उपरोक्त हार्डकोर नक्सलियों की निशानदेही पर पुलिस ने विभिन्न स्थानों से भारी मात्रा में नक्सली साहित्य सहित नक्सली वर्दी, बाॅकी-टाकी, दवाईयाँ, ग्राउण्ड सीट, तिरपाल, सिलाई मशीन, प्लास्टिक बाल्टी, चदरा का बक्सा इत्यादि बरामद किया।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसएसबी के कमाण्डेंट हेमचन्द्रा, एसएसबी डिप्टी कमाण्डेंट नीतिन गुप्ता, एडिशनल एसपी इमानुएल बास्की, डीएसपी गुड़िया व अशोक कुमार सिंह, काठीकुण्ड, शिकारीपाड़ा व गोपीकान्दर थाना की पुलिस टीम की मौजूदगी में एसपी श्री कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 में शिकारीपाड़ा के सरसाजोल में लैण्ड माइन्स लगाकर चार पुलिसकर्मियों सहित पोलिंग पार्टी के सदस्यों की हत्या के बाद उग्रवादी पुलिस के 5 इन्सास राइफल को लूटने में सफल हुए थे। 10 अक्टूबर 2015 को सुन्दरपहाड़ी थाना क्षेत्र के कटहलडीह में पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी जिसका मास्टर माइण्ड एतवारी हेम्ब्रम था। इसके अलावे हार्डकोर नक्सली व सब जोनल एरिया कमाण्डर एतबारी हेम्ब्रम उर्फ टिम्पू उर्फ टिम्पू सोरेन उर्फ नरेश दा सरुवापानी (नाला) पुलिस के साथ मुठभेड़. कुण्डापहाड़ी में जेसीबी मशीन को आग के हवाले करने, लेवी के लिये बोड़ापहाड़ी में जेसीबी को जलाने जैसे अपराधों के विरुद्ध विभिन्न थाने में मामले दर्ज हैं। एसपी श्री कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि उग्रवादियों के पास इन्सास राईफल होने की बात भी गुप्त सूचना से प्राप्त हुई थी किन्तु उग्रवादियों से इन्सास प्राप्त नहीं हो पाया। पुलिस सघन अभियान में लगी हुई है। उन्होनें कहा एतबारी हेम्ब्रम की गिरफतारी के बाद उससे प्राप्त जानकारी के आधार पर काठीकुण्ड, गोपीकान्दर व शिकारीपाड़ा के लिये तीन अलग-अलग पुलिस दस्तों को लगाया गया था। उन्होनें कहा काठीकुण्ड से तीन, गोपीकान्दर से दो तथा शिकारीपाड़ा से दो नक्सली को दबोचा गया। विदित हो वर्ष 2008 से दुमका, गोड्डा व पाकुड़ के क्षेत्रों में नक्सलियों की धमक शुरु हुई थी। वर्ष 2009 से अभी तक हार्डकोर माओवादियों ने पुलिस की मुखबिरी करने के आरोप में कई लोगों की हत्याएँ कर डाली वहीं कई पुलिसकर्मियों सहित, रंगदारी करने जैसे आरोपों में कई ग्रामीणों की हत्या व करोड़ों की सम्पत्ति को आग के हवाले करने का काम किया है। नक्सलबाड़ी (प0 बंगाल) से अपनी सोंच को अंजाम देने वाले नक्सलियों ने 70 के दशक में दुमका के रानेश्वर प्रखण्ड मंें अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी।
एक मुखिया की हत्या के बाद नक्सलियों के साहस लगातार बढ़ते गए। बाद के वर्षों में नक्सलियों से यह इलाका शांत रहा किन्तु वर्ष 2008-09 से नक्सलियों ने संताल परगना को पुनः अपनी जद में ले लिया। संताल परगना प्रमण्डल खनिज सम्पदा व अन्य धातुओं के मामले में काफी संपन्न रहा है। बिना किसी खास परेशानी के नक्सली इस इलाके में फलते-फूलते रहे हैं। बद्री राय इस इलाके में रहकर बाहर अपनी गतिविधियों को अंजाम तक पहुँचाता रहा था। बाद मंे प्रवील उर्फ ताला दा व अन्य कई ऐसे हार्डकोर नक्सली सामने आए जिन्होंने पूर्ववर्तियों की विरासत संभाली। एसपी प्रभात कुमार के अनुसार 15-20 की संख्या में नक्सली संताल परगना प्रमण्डल के विभिन्न इलाकों में अपनी सोंच को बखूबी अंजाम देते रहे हैं। पीरटांड (गिरिडीह) का रहने वाला सब जोनल एरिया कमाण्डर एतबारी हेम्ब्रम इन दिनों इस गतिविधि का सबसे खँूखार उग्रवादी था जिसे पकड़ लिया गया।
(अमरेन्द्र सुमन)

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