किताहातू (खूंटी) 13 अगस्त, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देनेवाले अथवा काल कोठरी में अपनी जिन्दगी के कई अनमोल वर्ष गंवाने वाले तमाम गुमनाम शहीदों की तलाश करेगी और उन्हें इतिहास के पन्नों में सम्मान जनक स्थान दिलायेगी। श्री सिंह ने आज झारखंड के खूंटी जिले के किताहातू में शहीदों के श्रद्धांजलि कार्यक्रम “आजादी-70 याद करो कुर्बानी” के तहत एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला जैसे सैकड़ों क्रांतिकारियों ने शहादत दी, हजारों लोगों ने जेल की यातनाएं सहीं, तब कहीं जाकर हमें आजादी मिली । लेकिन इन शहीद वीरों को इतिहास में जैसा स्थान व सम्मान मिलना चाहिए था, वैसा नहीं मिला।
भारत सरकार ने संकल्प लिया है कि 70 वें स्वतन्त्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में पूरे देश में आजादी का जश्न मनाया जाएगा और साथ-साथ अमर शहीदों को इतिहास के पन्नों पर सम्मानजनक स्थान दिलाने का प्रयास भी होगा। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सिंह ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार भारत सरकार स्वतन्त्रता सेनानियों के जन्मस्थल जाकर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रही है और उनके वंशजों का सम्मान कर रही है, उनकी समस्याएं सुनकर उनका निदान कर रही है। आज उलिहातू और किताहातू में आयोजित यह कार्यक्रम 9 अगस्त को शुरू हुए इसी अभियान की कड़ी है। भगवान बिरसा को नमन करते हुए श्री सिंह ने कहा कि भगवान बिरसा ने अंग्रेजों द्वारा जमीन वापसी समेत दिए गए कई प्रलोभनों को ठुकराते हुए और धर्म परिवर्तन जैसे कई दवाबों की परवाह किए बगैर आजादी के संघर्ष के अपने लक्ष्य से कभी समझौता नहीं किया। जनसभा से पहले केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सिंह एवं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भगवान बिरसा के जन्मस्थल उलीहातू जाकर भगवान बिरसा मुण्डा के वंशजों सुखराम मुण्डा, लखी मुनी, श्री कान्हु मुण्डा, चम्पा देवी, सुश्री जौनी कुमार इत्यादि को शाॅल देकर सम्मनित किया।

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